संस्कारवान निकल रहे सरस्वती शिशु मंदिर चांपा के बच्चे, कई विशेषताओं के चलते औरों से जुदा है यहां का शिशु मंदिर
जांजगीर-चांपा। चांपा शहर का एकमात्र सरस्वती शिशु मंदिर, जहां के बच्चे संस्कारवान निकल रहे हैं। प्रतिस्पर्धा के दौर में इंग्लिश मीडियम स्कूल की बाढ़ आ गई है, जहां बच्चे अंग्रेजी शिक्षा ग्रहण कर संस्कार को भूल रहे हैं। ऐसे में सरस्वती शिशु मंदिर चांपा में आधुनिक शिक्षा उत्कृष्ठ शिक्षण वैज्ञानिक पद्धति के अनुसार मुहैया करा रहा है। स्कूल में बच्चों की शिक्षा ग्रहण प्रारंभ संगीतमयी प्रार्थना के साथ होता है।
सरस्वती शिशु मंदिर चांपा के बच्चों की सबसे बड़ी खासियत यही है कि हर किसी से ये भैया और बहन कहकर बात करते हैं। बड़ों के प्रति सम्मान तो इनके मन में कुट-कुटकर भरा है तो वहीं छोटों को प्यार और दुलार से मालामाल कर देते हैं। इस स्कूल की पढ़ाई का आंकलन इसी बात से किया जा सकता है कि अक्सर प्रदेश के टॉपटेन सूची में सरस्वती शिशु मंदिर चांपा के बच्चों ने बाजी मारी है। दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में टॉप आकर बच्चों ने यहां के शिक्षण व्यवस्था पर मुहर लगा दी है। स्कूल में बच्चों के लिए पर्याप्त सुविधा है। शहर एवं आसपास गांवां के बच्चों के लिए वाहन की सुविधा है तो वहीं स्कूल के बच्चे संस्कृत के अलावा हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में तालीम ले रहे हैं। यहां रोज कम्प्यूटर की भी कक्षा लगाई जाती है। स्कूल में रोज इंग्लिश स्पोकन की कक्षा लगती है।
बच्चों को खेल खेल में भी शिक्षा ग्रहण कराया जाता है। स्कूल की बालिकाओं के लिए बालिका शिक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है। बच्चों के वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के लिए प्रतिदिन टिकरींग प्रयोगशाला रोबोटिक लैब के जरिए शिक्षा मुहैया कराया जाता है। बच्चों के भीतर छिपी प्रतिभा को बाहर लाने के लिए बच्चे प्रतिदिन संगीत की शिक्षा मान्यता प्राप्त संगीत महाविद्यालय से स्कूल में ग्रहण करते हैं।
स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रतिदिन योग शिक्षा जिसमे आसन, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार आदि का अभ्यास कराया जाता है। बीपीएड शिक्षक प्रतिदिन बच्चों को शारीरिक शिक्षा एवं खेल का अभ्यास कराते हैं। स्कूल में फेडरेशन आफ इंडिया से मान्यता प्राप्त स्कूल गेम का आनंद भी बच्चे उठाते हैं। स्कूल में गणित एवं वैदिक गणित की भी सुविधा है।