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अपोलो बिलासपुर में जिंदगी और मौत से लड़ रहे अमन खरे को लोगों से इंसानियत दिखाने की विनती, इलाज के लिए 45 लाख की जरूरत

जांजगीर-चांपा। दूसरों को तकलीफ में देखकर यदि खुद का हृदय उसके लिए बेचैन हो जाए और कदम खुद ब खुद उसके मदद के लिए आगे बढ जाए तो शायद इसी को इंसानियत कहते हैं। ऐसे मदद की दरकार किसान परिवार के एक होनहार बेटे को है, जो अपोलो बिलासपुर में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। उसके इलाज में घर, मकान व खेत में गिरवी हो गए, लेकिन फिर भी पैसों की जरूरत है, जिसकी पूर्ति के लिए लोगों से इंसानियत दिखाने की दरकार है।

सरकंडा बिलासपुर निवासी अमन खरे किसान परिवार का एक होनहार बेटा है, जो रूस (रशिया) देश में एमबीबीएस का छात्र है। वह पिछले माह बिलासपुर आया था। इसेक बाद अमन को पीलिया और मष्तिष्क ज्वर हो गया। तब उसे इलाज के लिए बीते 12 जुलाई को अपोल अस्पताल बिलासपुर में भर्ती किया गया। उनका इलाज अपोलो बिलासपुर में जारी है। बताया जा रहा है अमन अभी कोमा में है। प्रतिभाशाली इस छात्र के इलाज में अब तक घर, मकान और खेत गिरवी हो गया है। फिर भी इलाज में अभी और करीब 45 लाख रुपए की आवश्यकता बताई जा रही है। अमन के भाई ने देशवासियों से होनहार छात्र के उत्तम स्वस्थ जीवन रक्षा के लिए सभी से मदद की गुहार लगाई है। हमारे यहां भी लोगों मे इंसानियत कूट-कूटकर भरी हुई है। इसके पहले भी कई घटना दुर्घटना में लोगों की इंसानियत समय समय पर दिखी है। यदि हम सभी थोड़ी थोड़ी मदद भी कर दें तो अमन खरे की जिंदगी बच जाएगी।