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कलेक्टर मैडम पासीद गांव में पक्की सड़क तो बनवा दीजिए, 4 किमी की जगह करनी पड़ रही 20 किमी की दूरी तय, विकास से दूर सक्ती का पासीद

सक्ती। कलेक्टर मैडम, हमारे गांव में पक्की सड़क बनवा दीजिए। दशकों से गांव में पक्की सड़क की मांग की जा रही है, लेकिन किसी ने एक न सुनी। कलेक्टर कार्यालय से महज चार किमी दूर इस गांव के बच्चे मिडिल स्कूल के बाद शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। वहीं खाद, बीज और धान बेचने के लिए ग्रामीणों को चार किमी की जगह 20 किमी की दूरी तय करनी पड़ रही है। ये पुकार पासीद गांव के ग्रामीणों का है, जिन्होंने सक्ती कलेक्टर को पत्र लिखकर पक्की सड़क बनवाने की मांग की है।

जनपद सक्ती क्षेत्र के पासीद गांव का विकास सालों बाद भी नहीं हो सका। यहां पासीद से बासीन जाने के लिए कच्ची सड़क है, जिसमें बारिश के दौरान कीचड़ के चलते आवाजाही करना मुश्किल होता है। ऐसे में ग्रामीणों को खाद बीज लेने के लिए 4 किमी दूर खैरा-बासीन जाना होता है, लेकिन कच्ची सड़क के कारण इन्हें पासीद, सराईपाली, सुआडेरा, जेठा, सकरेली, किरारी, तुर्री से खैरा जाना पड़ता है, जो 20 किमी है। कच्ची सड़क की वजह से ग्रामीण चार किमी की जगह 20 किमी दूरी तय करते हैं। धान बेचने के लिए भी काफी जद्दोजहद करना पड़ता है। यह समस्या सालों से बनी हुई है। इस बीच नेताओं से भी सड़क बनवाने की मांग की गई तो वहीं शासन प्रशासन को भी पक्की सड़क बनाने के लिए पत्र लिखा गया, लेकिन अब तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पक्की सड़क नहीं होने से स्कूली बच्चे हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल से वंचित हो जा रहे हैं। गांव में प्राइमरी व मिडिल की शिक्षा लेने के बाद बच्चों का भविष्य भी अधर में है। ग्रामीणों ने सक्ती कलेक्टर से एकबार फिर गांव में पक्की सड़क बनाने की मांग करते हुए आवेदन दिया है।

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पासीद गांव की दशकों से कच्ची सड़क।

सक्ती जिला बनने से बढ़ी आस
कलेक्टर को लिखे पत्र में ग्रामीणों ने कहा है कि सक्ती जिला बनने के बाद गांव में विकास का पहिया तेजी से घूमने की उम्मीद है। इसी ध्येय से एकबार फिर गांव में पक्की सड़क बनवाने के लिए ग्रामीण एकजुट है। बारिश में कच्ची सड़क की वजह से ग्रामीणों को बेहद परेशानी हो रही है। इमरजेंसी होने पर तो भगवान ही मालिक है।