POLITICAL NEWS: छत्तीसगढ़ में आप हो सकता है तीसरा विकल्प, रायपुर में केजरीवाल की सभा ने बढ़ाई कांग्रेस-भाजपा की बेचैनी
जांजगीर-चांपा। आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में भले ही धीमी गति से काम कर रही है, पर वो पांच सालों से तेजी से जनाधार बढ़ा रही है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार से सबक लेते हुए इस बार पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ पर फोकस किया हुआ है। पहले दिल्ली, फिर पंजाब में सरकार बनाने के बाद आप के हौसले बुलंद हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव में भी शानदार प्रदर्शन से आप का मनोबल बढ़ा हुआ है।
प्रदेश में फिलहाल बीजेपी की कमजोर स्थिति से आप इसका पूरा फायदा उठाना चाहती है। ऐसे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रायपुर में चुनावी शंखनाद करते हुए छत्तीसगढ़वासियों को 9 गारंटी दी है। वहीं 10वीं गारंटी जब वो चौथी बार प्रदेश आएंगे, तब देंगे। आप ने 9 गारंटी देकर चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है। फिलहाल, 9 गारंटी की सियासी गलियारे में कई मायने निकाले जा रहे हैं। वर्ष 2018 के बाद 2023 में आप प्रदेश में दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। 2018 में जहां वह 85 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। वहीं इस बार पूरे 90 सीटों पर प्रत्याशी उतार रही है। बात पिछले चुनाव की करें तो पार्टी ने 85 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे थे, जहां सभी सीटों पर उसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि उस समय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इसमें पूरी तरह से शामिल नहीं था। नाममात्र की सभा और रैलियां हुई थीं। केवल प्रदेश के नेताओं को ही बागडोर थमा दी गई थी। ऐसे में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी समेत कोई भी प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए थे। एक प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे, लेकिन बीते 5 वर्षों से इस बार की परिस्थितियां अलग हैं। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के बाद आप का सियासी समीकरण ही पूरी तरह से बदल चुका है। इस बार पार्टी का केंद्रीय नेतृ्त्व पूरी तरह से चुनाव में शामिल है। बीते पांच महीने में सीएम केजरीवाल तीन बार छत्तीसगढ़ आ चुके हैं और तीनों बार ही पंजाब के सीएम भगवंत मान को लेकर छत्तीसगढ़ आए। दो बार रायपुर में, तो एक बार बिलासपुर में बड़ी चुनावी सभा कर चुके हैं। हर बार वो दिल्ली और पंजाब सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को लगातार गिना रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जनता से एक मौका आप को देने की अपील कर रहे हैं। रायपुर में 19 अगस्त को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने यहां तक कह दिया कि मर जाएंगे, कट जाएंगे लेकिन हर गारंटी को पूरा करके ही दम लेंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार पार्टी प्रदेश के वोटरों को कितना प्रभावित कर पाती है।
9 गारंटी के जरिए सभी वर्गों को साधने की कोशिश
आप ने 9 गारंटी देकर युवा, छात्र, महिला, कर्मचारी-अधिकारी, पुलिसकर्मियों, किसान, मजदूर, बेरोजगारों को साधने की पूरी कोशिश की है। केजरीवाल ने छत्तीसगढ़ के गांवों में फ्री बिजली की गारंटी दी है। वहीं 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का वादा किया है। ये एक तरह से कांग्रेस के वोट में सेंध लगाने की सोची समझी रणनीति है। क्योंकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने बिजली बिल हाफ का वादा कर सत्ता में आई थी। आप ने नवंबर 2023 तक के बकाया बिजली बिल माफ करने का वादा भी किया है। प्रदेश में करोड़ों वोटर्स बिजली उपभोक्ता हैं, उन्हें राहत देकर वोट बैंक को प्रभावित करने की तैयारी है। 18 साल से ऊपर की महिलाओं को हर महीने एक हजार देने का वादा किया है। कांग्रेस की शराबबंदी की घोषणा के बाद से प्रदेश में महिला वोटर सबसे बड़ा वर्ग है। क्योंकि कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा करके महिलाओं के वोट पर कब्जा जमाई है, लेकिन फिलहाल ये वादा अधूरा है। ऐस में आप ने महिलाओं के वोट बैंक पर सेंध लगाई है।
10वीं गारंटी में किसान और आदिवासियों पर फोकस होगा
अब बात बेरोजगारी भत्ते की करें, तो प्रदेश में बेरोजगारी भत्ता बड़ा सियासी मुद्दा है। भूपेश सरकार ढाई हजार रुपए महीने बेरोजगारी भत्ता दे रही है। केजरीवाल सरकार ने 3000 हर महीने देने का वादा किया है। ये सीधे-सीधे युवा वोटर्स पर नजर है। आप की सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी नजर है। आप ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का ऐलान किया है। प्रदेश में कर्मचारी पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे हैं, ऐसे में उन पर भी आप का फोकस है। अब आम जनता के लिए सबसे अहम बात शिक्षा और स्वास्थ्य है। ऐसे में आप ने मुफ्त इलाज और शिक्षा की गारंटी दी है। पार्टी ने एक प्रकार से हर घर तक दस्तक दे दी है। अब 10वीं गारंटी किसान और आदिवासी हैं, जिसे केजरीवाल अधूरे छोड़कर गए हैं, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह किसानों और आदिवासियों के लिए बड़ा ऐलान कर सकते हैं। यानी यहां भी कांग्रेस को मात देने की तैयारी है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि केजरीवाल किसानों के समर्थन मूल्य तीन हजार या उससे अधिक कर सकते हैं। वहीं आदिवासियों के लिए आरक्षण और जल-जंगल-जमीन जैसे मुद्दों पर भी आम आदमी पार्टी की पैनी नजर है।
भाजपा और कांग्रेस की दाल खराब कर सकती है आप
आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में भले ही अपनी सरकार न बना पाए पर वह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी का गणित बिगाड़ सकती है। सबसे ज्यादा कांग्रेस को प्रभावित कर सकती है। प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन से उनकी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ -जोगी आज के हालात में अपना पुराना रिकॉर्ड भी दोहराने की स्थिति में नहीं दिख रही है। ऐसे में आप का खाता खुल सकता है। क्योंकि आप गोपनीय तरीके से अपना जनाधार तेजी से बढ़ा रही है। चुनावी परिणाम से वह चौंका भी सकती है। बीजेपी और कांग्रेस फिलहाल आप को हलके में ले रहे हैं और कह रहे हैं कि ’छत्तीसगढ़ में आप की दाल नहीं गलने वाली’ पर दिल्ली और पंजाब की तरह कहीं यहां भी उनकी दाल का तड़का खराब न कर दें। अब देखने वाली बात ये होगी कि आप की सभा में उमड़ने वाली भीड़ कितनी सीटों में बदलेगी। दिल्ली-पंजाब की तरह सीएम केजरीवाल की 10 गारंटी का जादू छत्तीसगढ़ में चलेगा या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।