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जुआ सट्टा में हो रहा जिंदगी का सौदा, रातोंरात करोड़पति बनने की चाह से बर्बाद हो रही जिंदगी

जांजगीर-चांपा। जुआ सट्टा के मकड़जाल में फंसकर लोगों की जिंदगी तबाह हो रही है। रातोंरात करोड़पति बनने का सपना देखने वाले लोग शार्टकट तरकीब अपना रहे हैं, जिसका खामियाजा जिंदगी गवांने के बाद उसके परिवार को भुगतना पड़ रहा है। वर्धा प्लांट के कर्मचारी ने 25 लाख कर्ज से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया। इसकी भी जान जाने के पीछे ऑनलाइन सट्टा को ही वजह बताया जा रहा है। लाखों करोड़ों पाने के लालच में ऐसे कई लोग कर्ज लेकर दांव लगा बैठते हैं और दांव चूकने पर उन्हें जिंदगी गंवानी पड़ जाती है। ऐसे कई लोग पीड़ित हैं, जिनका जुआ सट्टा की लत ने घर बार छीन लिया। फिर भी लाखों के कर्ज का तगादा झेल रहे हैं, जिससे पूरा परिवार दहशत के साये में जीने मजबूर हैं।

सबसे खास बात यह है कि रातोंरात करोड़ बनने के हसीन सपने को पूरा करने के लिए जुआ सट्टा में किस्मत आजमा रहे हैं और उसमें दांव लगाने के लिए पैसे उन सूदखोरों से लेते हैं, जिनका पेट राशि अदायगी के बाद भी नहीं भरता। अनाप-शनाप ब्याज और वसूली के लिए किसी भी हद को पार कर देने की वजह से लोग मानसिक रूप से पूरी तरह टूट जाते, जिसका नतीजा अंत में इसी वर्धा प्लांट के कर्मचारी की तरह सामने आता है। यह गंभीर समस्या समाज के लिए नासूर है, जिसका अंत दूर-दूर तक नजर नहीं आता। इसके पीछे कई वजह है। पीड़ित लोग सामने नहीं आते, जिसके चलते समस्या का पता नहीं चलता। पता तब चलता है, जब इसी तरह कोई बड़ी घटना होती है। लोग मानसिक रूप से बहुत परेशान होते हैं। उनमें इतना साहस भी नहीं बच पाता कि गलत के खिलाफ आवाज उठाए। हालांकि कई बार लोग आवाज भी उठाते हैं, लेकिन सिस्टम से बंधी प्रशासनिक व्यवस्था में सब धरी की धरी रह जाती है, जिसके चलते लोगों को न्याय नहीं मिल पाता।

हाईटेक सट्टा का फैलता मकड़जाल
इंटरनेट के चलन में आने के बाद साइबर क्राइम में भी इजाफा हुआ है। ऑनलाइन सटोरियों का पता लगा पाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि अभी भी पुलिस कई तकनीकी समस्या से जुझ रही है। वहीं अपराधी तकनीक से पूरी तरह लैस है। फिर भी आए दिन ऑनलाइन सटोरिए पुलिस के गिरफ्त में आ रहे हैं। लेकिन इनका नेटवर्क बहुत बड़ा है, जिसे पकड़ पाना बड़ी चुनौती है। धीरे धीरे पुलिस भी तकनीक के मामले में आगे बढ़ रही है। लगातार गुम या चोरी हुए मोबाइल को खोज निकाल ले रही है और उसे वापस कर लोगों के चेहरे में मुस्कान बिखेर रही है।
जिंदगी में शार्टकट की कोई जगह नहीं
कहते हैं जिंदगी का दूसरा नाम संघर्ष है और ये संघर्ष अंतिम सांस तक चलता है। ये जहां हरेक को अवसर देता है कि ले लो अपने सामर्थ्य अनुसार जो चाहिए। लेकिन उसे पाने के लिए कड़ी धूप में पसीना बहना पड़ेगा। भरी बरसात और कड़कड़ाती ठंड की परवाह किए बगैर लक्ष्य के लिए आगे बढ़ने से वो खुशी मिलेगी, जिससे आत्मिक संतुष्टि होगी। और इसी का जिंदगी भर उपभोग किया जाता सकता है। वहीं जोखिम भरे शार्टकट तरीके से आए हुए पैसे का कभी भी उपभोग नहीं किया जा सकता। क्योंकि वो जैसे आता है, वैसे चले भी जाता है। और इसी तरह जांन गवाने का खतरा बना रहता है।