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POLITICAL NEWS: भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन यात्रा बनी शक्ति प्रदर्शन यात्रा, लोगों को जोड़ने की बजाय अपनों की टांग तोड़ने में लगे हैं स्वयंभू

जांजगीर-चांपा। भारतीय जनता पार्टी द्वारा छत्तीसगढ़ में सत्तासीन कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने का लक्ष्य लेकर निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा जांजगीर-चांपा जिले में चंद नेताओं की शक्ति प्रदर्शन की यात्रा बनकर रह गई है। कुछ स्वयंभू नेता यहां आमजनों को अपने साथ जोड़ने की बजाय उल्टा अपनी पार्टी के लोगों की टांग तोड़ने में लगे हुए हैं, जिसके कारण परिवर्तन यात्रा से आमजनों का जुड़ाव नहीं हो पा रहा है, वहीं पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ता भी इस यात्रा से खुद को किनारा कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में लगातार तीन बार सत्ता का सुख भोगने वाली भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद एक बार फिर से पूरी ताकत के साथ वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने के मूड में है। यही वजह है कि प्रदेश में पुनः सत्ता में आने की तैयारियों में प्रदेश भाजपा जी-जान से जुटी हुई है तो वहीं वर्ष 2024 में तीसरी बार केंद्र की सत्ता पाने को आतुर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने जांजगीर-चांपा एवं सक्ती जिले को खास टारगेट में रखा है। इसके लिए पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं का यहां आना-जाना लगा हुआ है। पार्टी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन भी यहां गंभीरतापूर्वक कराया जा रहा है। इतने सबके बाद भी जांजगीर-चांपा जिले में भाजपा के भीतर की गुटबाजी की खाई को पाटने की दिशा में अब तक कोई ठोस पहल सामने नहीं आई है। वर्तमान में भाजपा के भीतर की गुटबाजी लगातार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर दिखाई एवं सुनाई पड़ रही है। बता दें कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के लक्ष्य को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा भी जांजगीर-चांपा जिले में गुटबाजी की भेंट चढ़ती दिख रही है। कुछ स्वयंभू नेताओं ने यहां परिवर्तन यात्रा को अपनी शक्ति प्रदर्शन की यात्रा बना दी है, जिसके कारण भाजपा की यह महत्वपूर्ण यात्रा जांजगीर-चांपा जिले में अपने मूल उद्देश्य से भटकती हुई नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि चंद स्वयंभू नेता के चलते पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ता भी स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, जिसके कारण परिवर्तन यात्रा से पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता ही अब दूरी बनाने में लगे हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि गुटबाजी का यही आलम रहा तो केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व के मंसूबों की सफलता यहां कठिन हो सकती है।
चांपा में भी भाजपा कार्यकर्ता हुए निराश
भाजपा की परिवर्तन यात्रा जब सक्ती विधानसभा से होकर जांजगीर चांपा विधानसभा आ रही थी। तब चांपा में भी परिवर्तन यात्रा का जगह जगह स्वागत किया जाना था, लेकिन बेरियर चौक सहित कई जगह कार्यकर्ताओं को अपने शीर्ष नेताओं के स्वागत में भी उपेक्षित होना पड़ा। बताया तो यहां तक जा रहा है कि स्वागत में भी भेदभावपूर्ण नीति अपनाई जा रही थी। किसी चेहरा विशेष के हिसाब से ही चांपा का कार्यक्रम पूरा हो गया। इसके बाद परिवर्तन यात्रा जांजगीर के लिए रवाना हो गई। इस घटनाक्रम से कार्यकर्ताओं में काफी निराशा है।
रस्मअदायगी और फोटो खिंचाऊ इवेंट
विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने छह माह पहले से ही चुनावी बिगुल फंूक दी है। भाजपा लगातार कार्यकर्ताओं को विभिन्न क्रिया-कलापों, बैठकों, प्रदर्शन एवं नवाचार में व्यस्त रखे हुए है। 15 साल की सत्ता खोने के बाद पुनः सत्ता को पाने के लिए भाजपा एक बार फिर से आक्रामक रूख अपनाए हुए है मगर, जिस उद्देश्य से भाजपा ने यह परिवर्तन यात्रा निकाली है, उसका एक प्रतिशत भी जांजगीर-चांपा विधानसभा क्षेत्र में फलीभूत होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में यह महज एक रस्मअदायगी और फोटो खिंचाऊ इवेंट बनकर रह गया है।
जनसभा में अधिकतर कुर्सियां खाली
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की परिवर्तन यात्रा इस समय पूरे प्रदेश में चारों दिशाओं से चल रही है। इसी कड़ी में रविवार को जांजगीर-चांपा विधानसभा में भी भाजपा की परिवर्तन यात्रा पहुंची, लेकिन इस परिवर्तन यात्रा के दौरान भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। जिला मुख्यालय जांजगीर में भाजपा की परिवर्तन यात्रा के दौरान कचहरी चौक के समीप आयोजित जनसभा में अधिकतर कुर्सियां खाली दिखी। इस बात को लेकर जनसामान्य में तरह-तरह की चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं।