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मृत व्यक्ति के नाम केसीसी लोन हजम करने का मामलाः मृतक के चचेरे भाईयों से लोन की राशि विड्राल कराने के दबाव की चर्चा

चौथा स्तंभ न्यूज लगातार

जांजगीर-चांपा। मृत व्यक्ति के नाम 1 लाख 35 हजार रुपए केसीसी लोन जारी कर आहरण करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। बताया जा रहा है मृतक के चचेरे भाईयों को लोन की राशि आहरण करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जबकि ये सभी पहले ही मीडिया में आहरण नहीं करने का बयान दे चुके हैं। ऐसे में अब लोगों की पूरी नजर सहकारी संस्थाएं के उप पंजीयक की कार्रवाई पर टिकी है।

आपकों बता दें कि चांपा से लगे सिवनी गांव के सेवा सहकारी सहकारी समिति से गांव के मृत व्यक्ति सागर सिंह के नाम 1 लाख 35 हजार रुपए का केसीसी लोन जारी हुआ और उस राशि का आहरण भी हो गया। बैंक की वसूली लिस्ट में जब मृतक सागर सिंह का नाम सामने आया, तब पूरे मामले का खुलासा हुआ। मामले की शिकायत के बाद सेवा सहकारी समिति सिवनी पहुंचकर जांच अधिकारी देवेश चतुगोष्ठी ने दस्तावेजों की जांच की। शिकायतकर्ता और संस्था प्रबंधक का बयान भी दर्ज किया गया। इसके बाद बैंक से आहरण संबंधी जानकारी जुटाकर रिपोर्ट पेश करने की बात जांच अधिकारी ने कही थी। इधर, इस मामले को लेकर पहले ही गांव में हड़कंप मचा हुआ है। अब मामले में जांच और मीडिया में लगातार खबरें आने के बाद मामले को रफा-दफा करने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है इस मामले में मृतक के चचेरे भाईयों से केसीसी लोन का विड्राल कराने संबंधी साजिश रची जा रही है। जबकि मीडिया में पहले ही मृतक सागर सिंह के चचेरे भाई टिकेश्वर सिंह बयान दे चुका है कि उन लोगों ने लोन की राशि नहीं निकाली है और न ही लोन के संबंध में उन्हें कोई जानकारी है। टिकेश्वर के छोटे भाई संतोष सिंह व जयमंगल सिंह का भी यही कहना है, जिसका वीडियो संबंधी बयान भी मौजूद है। ऐसी स्थिति में मृत सागर सिंह के चचेरे भाईयों द्वारा लोन की राशि आहरण किए जाने की साजिश का पहले ही पर्दाफाश होते नजर आ रहा है। अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि आखिर कौन है वो मास्टरमाइंड, जिन्होंने इस पूरी वारदात को अंजाम दिया है। लोगों को सहकारी संस्थाएं जांजगीर के उप पंजीयक की कार्रवाई का बेसब्री से इंतजार है।