खरसियाछत्तीसगढ़रायगढ़।

डेढ़ हेक्टेयर का पट्टा लेकर दस एकड़ में बना दिया खदान, मंगल स्टोन का सामने आया कारनामा

0 आसपास की निजी भूमि में भी निकाल रहा लाईम स्टोन, क्रशर संचालक के नाम पर खरीदी जमीन लेकिन नहीं ली अनुमति

रायगढ़। कई क्रशर संचालकों ने नियम-कायदों को अपने हिसाब से बनाया है और चलाया है। इनको किसी का डर नहीं है। खरसिया का मंगल स्टोन क्रशर तो इस मामले में सबसे आगे है। इस क्रशर को मात्र डेढ़ हेक्टेयर पर ही खनिपट्टा स्वीकृत है, लेकिन दस एकड़ से ज्यादा जमीन पर खनन किया जा रहा है। जिन खसरा नंबरों पर खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है, उसके अलावा भी क्रशर संचालक की जमीन है, जिसमें अवैध खनन हो रहा है।


क्रशरों को निश्चित अवधि के लिए खनिपट्टा स्वीकृत किया जाता है। इनको सालाना उत्पादन की भी लिमिट तय की जाती है। खनिज विभाग में खसरा नंबरों की जानकारी देकर अनुमति ली जाती है, लेकिन मंगल स्टोन क्रशर बानीपाथर खरसिया ने तो हद कर दी है। खनिज विभाग ने 2017 से 2047 तक 30 साल के लिए खनिपट्टा स्वीकृत किया है। खनं 541/2, 571/2, 572/1, 572/3, 575/2, 572/4, 571/4, 571/1ख, 572/5, 543, 571/3, 571/4, 544/1, 540, 571/4, 573 और 574 कुल रकबा 1.524 हे. में खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है। नियमों के मुताबिक इसी भूमि पर ही लाइमस्टोन का खनन किया जा सकता है। इसी आधार खनिज विभाग रॉयल्टी जारी करता है। इस जमीन के अलावा भी क्रशर संचालक के नाम पर जमीनें हैं जो खनिपट्टे से जुड़ी हुई हैं। साथ ही कई अन्य निजी जमीनें भी हैं। इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि अनुमति प्राप्त भूमि के अलावा करीब दस एकड़ जमीन पर लाइमस्टोन निकाला जा रहा है। बिना रॉयल्टी के गिट्टी सप्लाई की जा रही है। अवैध खदान का एरिया बढ़ता ही जा रहा है। खनं 576/1, 576/2, 544/1, 543, 376, 377, 368/1, 370/2, 368/2, 364/2, 364/1, 550, 362/1, 400, 399/2, 399/1, 372/1, 437/3, 398 आदि जमीनें भी मंगल स्टोन क्रशर के नाम पर ही हैं। बानीपाथर में अवैध खनन से हर महीने करोड़ों का राजस्व चोरी हो रहा है।

पूर्व में हो चुकी है कार्रवाई
खनिज विभाग ने एक बार मंगल स्टोन क्रशर पर कार्रवाई भी की थी। अवैध कारोबार पाए जाने पर क्रशर सील भी किया गया था। इसके बाद खनिज विभाग ने मंगल स्टोन क्रशर की ओर देखा ही नहीं। बताया जा रहा है कि अंदर ही अंदर कोई सेटिंग हुई। हर साल करोड़ों का खनिज अवैध रूप से बेचा जा रहा है। खनिपट्टे से ज्यादा क्षेत्र में खदान खुल चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

खरसिया क्यों नहीं जाते खनिज अधिकारी
लाइमस्टोन की जितनी भी गाडिय़ां खनिज विभाग पकड़ता है, वह टिमरलगा-गुड़ेली क्षेत्र से निकली होती हैं। जबकि खरसिया के बानीपाथर में मंगल स्टोन क्रशर ने अंधेर मचा रखा है। खनिज विभाग की टीम खरसिया की ओर जाकर कभी कार्रवाई नहीं करती। ऐसा लगता है जैसे कोई अंदरूनी समझौता हुआ है।