छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

बल्लू अउ झंगलु: मतदाता जागरूकता के लिए युवा साहित्यकार की रचना

बल्लू, – जोर जोर से चिल्ला के ,कहाँ हस भाई झंगलु
झंगलु – अरे ये दे त हव ,,,
बल्लू – कति हस जी, दिखत तो नई हस
झंगलु – कोन्टा मेरा ल देख न ,
बल्लू – अच्छा, झंगलु भाई, कछु सुने हस जी
झंगलु – बताबे तब तो जी
बल्लू – अरे भाई सुने हव 7 तारीख के चुनाई तिहार हे, जाबो नही बोट डारे बर
झंगलु – का फायदा बल्लू भाई , मैं तो कर्जा म डूबे हव जी, न तो मोर घर हे, अउ न ही कोनो काम धाम हे, त बोट दे के का करहू,
बल्लू – झंगलु ल समझात हे अरे भाई झंगलू तोर एक बोट के कीमत ल जान, तोर एक बोट ले सरकार बनहि अउ गिर घलो जाहि
झंगलु – सही में का जी बल्लू भाई,
बल्लू – हव रे भाई ,ले अब अपन काम कर मैं जात हव घर ,
झंगलु – हव भाई, आबे बोट के दिन संघरा चलबो,

बोटिंग के दिन ———–

बल्लू अउ झंगलु दुनो सबले पहिली बोट डारे पर पहुँच जाथे, अउ सुघ्घर बोट ल देके गाँव के मन घलो बोलथे जावव जी जल्दी बोट ल डारे बर,

त आप सब्बो जागरूक मतदाता भाई बहिनी दादा दीदी काका काकी ले गोहार हे, की अवैया चुनाई म अपन वोट ल जरूर डारव अउ एक जिम्मेदार नागरिक होय के परिचय दव

अहिबरन पटेल
युवा कवि साहित्यकार, समाजसेवी
ग्राम – सोंठी चाम्पा छत्तीसगढ़