छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

अंत्यावसायी की दो दुकानों में अवैध तरीके से चल रहा बिरयानी सेंटर, कलेक्टर तक पहुंची मामले की शिकायत, अफसरों ने कहा मामले में की जाएगी जांच

जांजगीर-चांपा। अफसरों की लापरवाही से चांपा शहर में बने स्वावलंबन की दुकानों का बंदरबाट शुरू हो गया है। भालेराय मैदान के पास बनी स्वालंबन की दुकाने नियम विरूद्ध किराए में चल रही है। मामले में शिकायत भी हुई है। इसके बावजूद जिम्मेदार अफसर इस गड़बड़ी पर नकेल कसने रूचि नहीं ले रहे हैं।

जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित जांजगीर चांपा की दस व्यवसायिक दुकाने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे भालेराय मैदान से लगी है। इन दुकानों का आवंटन करीब तीन दशक पहले जरूरतमंद व समाज के एसटी, एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यकों को विभिन्न शर्तों के अधीन की गई थी। पुर्नदुकान आवंटन के लिए बनाई गई नियमावली के कंडिका नंबर 3 में स्पष्ट उल्लेख है कि हितग्राही आवंटित दुकान को किराए पर नहीं दे सकता और न ही बिक्री कर सकता है। कंडिका 7 में भी उल्लेख है अनुबंध पत्र में वर्णित नियम एवं शर्तों के किसी एक भी नियम व शर्त का उल्लंघन करने पर दुकान का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। इसका कोई अलग से सूचना पत्र भी जारी नहीं किया जाएगा। ऐसी स्थिति में दुकान किराए पर देने के खिलाफ मामले की शिकायत फिर कलेक्टर से की गई है, जिसमें दुकान नंबर 04 एवं 05 को किराए पर देने का उल्लेख है। उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि मामले में जांच कर उचित कार्रवाई की जाए।

शराब के साथ मिल रही बिरयानी
जिला अंत्यावसायी की इन दुकानों में आबकारी की शराब दुकान भी है। यहां प्रीमियम शॉप संचालित है, जहां इंग्लिश शराब की बिक्री होती है। शराब के शौकीन लोगों को यहां दो दो बिरयानी सेंटर मिल रहा है, जहां चिकन के रूप में चखना आसानी से उपलब्ध हो जा रहा है। शिकायत में कहा गया है कि शराब दुकान के सौ मीटर के दायरे में चखना सेंटर नहीं होना चाहिए, लेकिन यहां शराब के साथ लोगों को बिरयानी भी आसानी से मिल जा रही है। हालंकि आबकारी आयुक्त प्रवीण वर्मा ने ऐसे सेंटरों में पिलाते हुए पाए जाने पर कार्रवाई का हवाला दिया है।

मामले में की जाएगी कार्रवाई
जिला अंत्यावसायी के अफसर संदीप शुक्ला का कहना है कि भालेराय मैदान से लगी दुकानों में बिरयानी सेंटर प्रारंभ करने संबंधी पत्र प्राप्त जरूर हुआ था, लेकिन उक्त दुकानों को किराए में दिए जाने की जानकारी नहीं है। वाकई दुकानों को किराए में दिया गया है तो मामले में जांच की जाएगी। और शिकायत सही पाई जाती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।