DBM ग्रुप ने आत्मानंद स्कूल सहित अन्य शासकीय परिसरों को बनाया अपने प्रचार-प्रसार का अड्डा, जिला प्रशासन के अफसर बने मुकदर्शक

जांजगीर चांपा। शासकीय परिसरों में निजी संस्थानों का प्रचार-प्रसार भले ही प्रतिबंध है मगर, जिला मुख्यालय जांजगीर में शासन के इस आदेश की खुलकर धज्जियाँ उड़ रही है। ताजा मामला डीबीएम ग्रुप का है, जिसके संचालक ने जिला मुख्यालय जांजगीर में संचालित आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल सहित जिले के विभिन्न स्थानों में स्थित शासकीय संस्थानों के परिसर को अपने निजी संस्थान के प्रचार-प्रसार का अड्डा बना दिया है। इसके बावजूद जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी मुकदर्शक बने हुए हैं।

दरअसल, जिला मुख्यालय जांजगीर सहित आसपास के गांव में डीबीएम ग्रुप ऑफ इस्टिट्यूट के संचालक द्वारा, हायर सेकेण्डरी स्कूल, आईटीआई और फार्मेसी कोर्स संचालित किए जाने का दावा किया जाता है, जहां पर विषय विशेषज्ञ, प्रशिक्षित स्टाफ सहित सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं एवं संसाधन मौजूद होने की दुहाई दी जाती है मगर, हकीकत कुछ और ही है, जिसका खुलासा तब होता है, जब विद्यार्थी इस संस्थान के संचालक की चिकनी-चुपड़ी बातों में फंसकर विभिन्न कोर्स में प्रवेश लेने के बाद संस्थान पहुंचते हैं और वहां का नजारा देखकर खुद को ठगा सा महसूस करने लगते हैं। विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी डीबीएम ग्रुप ऑफ इस्टिट्यूट के संचालक ने भोले-भाले विद्यार्थियों को ठगने का पूरा इंतजाम कर रखा है और अपने मंसूबे पर कामयाब होने के लिए जाल भी फेंक दिया है। बता दें कि आगामी शैक्षणिक सत्र की शुरुवात होने वाली है, जिसके मद्देनजर डीबीएम ग्रुप ऑफ इस्टिट्यूट के संचालक ने जिला मुख्यालय जांजगीर में संचालित आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल सहित जिले के विभिन्न स्थानों में स्थित शासकीय संस्थानों के परिसर को अपने निजी संस्थान के प्रचार-प्रसार का अड्डा बना दिया है और अपने कथित संस्थानों की फ्लेक्सी लगवाकर एक बार फिर से भोले-भाले विद्यार्थियों की ठगने की पूरी तैयारी है। दिलचस्प बात यह है कि इस संस्थान के सारे फ्लेक्स शिक्षा विभाग के प्रमुख संस्थानों के मुख्य द्वार पर लगे हुए हैं, जिस पर जिला प्रशासन के जिम्मेदार सभी अधिकारियों की नजर पड़ भी रही है, इसके बावजूद वे अधिकारी मुकदर्शक बनकर कथित डीबीएम ग्रुप ऑफ इस्टिट्यूट के संचालक को मनमानी और फ़र्ज़ीवाड़ा करने की खुली छूट दे रहे हैं।
