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देवरहा गांव में रेत का अवैध उत्खनन होने लगा बड़े पैमाने पर, जिम्मेदार दफ्तर में बजा रहे चैन की बंशी, अवैध कारोबारी हो रहा मालामाल

जांजगीर-चांपा। खनिज विभाग की लापरवाही से एकबार फिर हसदेव नदी का सीना छलनी होने लगा है। बताया जा रहा है देवरहा गांव में नदी से रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से षुरू हो गया है। दिनदहाड़े जेसीबी और हाईवा के जरिए रेत का बड़े पैमाने पर उत्खनन किया जा रहा है। खास बात यह है कि रेत के अवैध कारोबार की जानकारी जनमानस में आम हो चली है। इसके बावजूद खनिज विभाग के जिम्मेदार अपने दफ्तर में बैठकर चैन की बंशी बजा रहे हैं।

इस तरह जेसीबी से हो रहा रेत का बड़े पैमाने पर उत्खनन…

नियमतः बारिश में 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन का काम बंद रहता है। हालांकि जिले के विभिन्न घाटों में बारहों माह रेत का अवैध करोबार धड़ल्ले से चलते रहता है। अभी देवरहा गांव में रेत का खेल एकबार फिर जमकर होने लगा है। कैमरे की नजर से देखा जा सकता है कि किस तरह चैन माउंटेन मशीन में किस तरह हसदेव नदी से रेत निकाला जा रहा है। फिर इस रेत को हाईवा के जरिए डंप किया जा रहा है। दिनदहाड़े अवैध कारोबार का नजारा सड़क से गुजरते हुए देखा जा सकता है। विडंबना यह है कि खनिज विभाग के जिम्मेदारों को यह नजर आखिर क्यों नहीं आ रहा है। इधर, हसदेव के विभिन्न घाटों से बड़े पैमाने पर रेत निकालने के कारण हसदेव नदी की उल्टी गिनती चल रही है। बाजार में रेत का भाव आसमान छू रहा है, जिसके चलते इस काले कारोबार को अंजाम देने वालों की फेहरिस्त बढ़ते जा रही है। खास बात यह है कि ऐसे लोगों को संरक्षण भी मिलता है, जिसके दम पर यह पूरा कारनामा किया जाता है।

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