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प्रदीप उपाध्याय को आत्महत्या के लिए विवश करने वाले अफसरों के खिलाफ दर्ज हो एफआईआर, पीड़ित परिवार को दिया जाए एक करोड़ की सहायता व अनुकंपा नियुक्ति, आर्यावर्त ब्राह्मण महासभा ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

जांजगीर-चांपा। कलेक्टोरेट रायपुर में लिपिक के पद पर पदस्थ प्रदीप उपाध्याय द्वारा आत्महत्या किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रायपुर के उच्चाधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लग रहा है। जांजगीर में आज ब्राह्मण समाज के लोगों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर जमकर नारेबाजी की और राज्यपाल के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन देकर दोशियों के खिलाफ एफआईआर सहित कई मांगे रखी।

ब्राह्मण समाज के लोगों ने राज्यपाल के नाम अपर कलेक्टर को दिए ज्ञापन में कहा है कि कलेक्टोरेट रायपुर में लिपिक के पद पर पदस्थ प्रदीप उपाध्याय अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा लंबे समय से लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। साथ ही जबरन रायपुर से बाहर तबादला करने तथा झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी दी गई। ज्ञापन में कहा गया है कि तीन राज्य सेवा के अनुविभागीय अधिकारियों की एकमत और रायपुर कलेक्टर द्वारा प्रदीप उपाध्याय की समस्या का निराकरण नहीं किए जाने के कारण वह अपमान व प्रताड़ना को बर्दाश्त नहीं कर सका। इस वजह से उसने मौत को गले लगा लिया। इस हृदयविदारक घटना से पूरे प्रदेश भर का ब्राह्मण समाज आक्रोशित है और राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी में है। इस गंभीर घटना को लेकर जांजगीर में आर्यावर्त ब्राह्मण महासभा ने मांग की है कि दोशी सभी अधिकारियों के खिलाफ प्रदीप उपाध्याय को आत्महत्या के लिए विवश करने का एफआईआर दर्ज कराई जाए। साथ ही सिविल सेवा आचरण नियम 1955 के तहत भी कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने ज्ञापन के जरिए मांग की है कि प्रदीप उपाध्याय के परिवार को इस आकस्मिक घटना एवं अपुरणीय क्षति के लिए एक करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति दिया जाए। पीड़ित परिवार के पत्नी, पुत्र व पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति द्वितीय श्रेणी राजपत्रित पद पर की जाए। ज्ञापन देने वालों में आर्यावर्त ब्राह्मण महासभा के पदाधिकारी व सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।