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गरमाया डोंगाघाट हनुमान मंदिर लोक न्यास का मामला, मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, अखाड़ा को तोड़ने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग

जांजगीर-चांपा। डोंगाघाट हनुमान मंदिर मठ लोक न्यास ट्रस्ट पंजीयन के लिए ईश्तहार प्रकाशित होने के बाद एकबार फिर यह मामला काफी गरमा गया है। इस विशय में पहली बार प्रकाशित ईश्तहार में दर्जनों लोगों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई, जिसे देखते हुए दावा आपत्ति की अवधि 45 दिन बढ़ा दी गई है। इस मामले में आज श्री हनुमान व्यायाम शाला सेवा समिति के अध्यक्ष गिरधारी यादव व सचिव विकास तिवारी ने जांजगीर पहुंचकर अपर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम लिखित ज्ञापन सौपा।

अखाड़ा समिति के पदाधिकारियों ने 7 बिन्दुओं मे दिए अपने ज्ञापन में कहा है कि हनुमान मंदिर सर्वराकार नियुक्ति को लेकर कन्हैयादास सहायक मैनेजर श्री रामनाम बैंक मणीराम दास छावनी अयोध्या व हनुमान मंदिर डोंगघाट चांपा के मनोनीत सर्वांकर के मध्य जिला न्यायालय में न्यायालय विवाद लंबित है। इस आधार पर देखा जाए तो विवाद की स्थिति मे लोक न्यास ट्रस्ट का गठन किया जाना उचित नहीं होगा। इसके पूर्व उसकी चल अचल संपत्ति की मांग करते हुए हनुमान मंदिर की भूमि पर वर्तमान में कौन-कौन काबिज हैं, क्या उन्हें लीज पर दिया गया है या किराया दिया गया है या उन्हें बेचा गया है। यदि ऐसा है तो उनकी लीज की अवधि, किराए का वर्तमान आधार पर राशि निर्धारण की जांच की जानी चाहिए। अखाड़ा समिति ने यह भी मांग की है कि क्या डोगाघाट मंदिर की भूमि को बेचने का अधिकार मनोनीत महंत व समिति के सदस्यों को है। यदि हां तो अभी तक हनुमान मंदिर की भूमि से प्राप्त आय व्यय का हिसाब होना चाहिए। श्री हनुमान व्यायाम शाला सेवा समिति के अध्यक्ष गिरधारी यादव ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि 70 वर्ष पूर्व तपसी बाबा बालमुकुंद जी महाराज द्वारा स्वर्गीय गुरुजी मोहित राम यादव को अखाड़ा खुलवाकर उसका संस्थापक बनाया था। उक्त अखाड़ा भवन का ताला तोड़कर मंदिर महंत व समिति के सदस्यों के द्वारा ध्वस्त कर दिया गया, जिससे धार्मिक भावना आहत हुई है। अखाड़ा की सामग्री संपत्ति का नुकसान हुआ है। स्व गुरूजी की मूर्ति को हटाने से उनकी मान हानि हुई है। यह सब कृत्य अखाड़ा भवन का ताला तोड़कर बलात बिना इजाजत के किया गया अपराधिक कृत्य है, जिसमें अभी तक दोषियों के खिलाफ शिकायत के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में यह भी मांग की है कि विवाद स्थल का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बाद भी गैर कानूनी रूप से मनोनीत नारायणदास व मनोनीत सचिव बजरंग लाल डिडवानिया द्वारा अवैध रूप से गैर कानूनी तोड़फोड़ के साथ मंदिर ट्रस्ट गठन की मांग व अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिस पर तत्काल रोक लगाना चाहिए। श्री हनुमान व्यायाम शाला सेवा समिति के पदाधिकारी ने कहा कि जन आस्था का प्रमुख केंद्र हनुमान मंदिर चांपा लोगों के दान भूमि एवं आर्थिक सहयोग से निर्मित किया गया है। सार्वजनिक धार्मिक स्थल है, जिसकी देखरेख उचित प्रबंधन की आवश्यकता है। उचित प्रबंधन के अभाव में हनुमान मंदिर अव्यस्थित हो गई है। मंदिर पहुंचने वालें भक्तों की संख्या में गिरावट आई है, जिसका प्रमुख कारण मंदिर का सही संचालन नहीं होना एवं वर्तमान महंत व समिति के सदस्य द्वारा अनियमितता बरता जाना है। ज्ञापन की एक प्रतिलिपि गृह मंत्री विजय शर्मा को भी प्रेषित की गई है।