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चांपा नगरपालिका चुनावः चौथा स्तंभ न्यूज की खबर का एकबार फिर हुआ बड़ा असर, कांग्रेस ने हमारे द्वारा उठाए गए 90 फीसदी मुद्दों को घोषणा पत्र में किया शामिल

चौथा स्तंभ न्यूज की खबर का एकबार फिर बड़ा असर हुआ है। हमनें बीते 29 जनवरी के अंक में चांपा के ज्वलंत मुद्दों पर आधारित खबर चांपा नगरपालिका चुनाव में गुम हुए शहर के ज्वलंत मुद्दे को लेकर प्रमुखता से खबर प्रसारित की थी। इसके बाद कांग्रेस चौथा स्तंभ न्यूज के जरिए उठाए करीब 90 फीसदी मुद्दों को अपने स्थानीय घोषणा पत्र में शामिल कर चुनाव मैदान में है, जबकि चांपा सहित जिले के नगरीय निकायों में भाजपा स्थानीय मुद्दों के बजाय प्रदेश स्तरीय घोषणा पत्र को लेकर ही चुनाव लड़ रही है। हालांकि कांग्रेस ने भी प्रदेश स्तर पर चुनावी घोशणा पत्र जारी किया है। लेकिन जांजगीर के साथ ही चांपा में कांग्रेस प्रदेश स्तरीय घोषणा पत्र के साथ चुनाव मैदान में डटी है।

चौथा स्तंभ न्यूज ने उठाए थे ये मुद्दे
चांपा शहर की जरूरतों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए चौथा स्तंभ न्यूज ने ज्वलंत मुद्दे थे, उनमें शहर के तालाबों का बुरा हाल और प्रदूषित हसदेव नदी, नाली के पानी से हसदेव को मुक्ति दिलाने के लिए कराए जा रहे वाटर ट्रीटमेंट का काम अधूरा, खेल मैदान के आभाव में धूमिल हो रही खिलाड़ियों की प्रतिभा, अनसुनी हुई मेडिकल कॉलेज की मांग, बदहाल यातायात और सड़कों पर बाजार लगने से जाम की गंभीर समस्या सहित अन्य मुद्दे शामिल है। कांग्रेस ने इन सभी मुद्दों के अलावा कुछ अन्य जरूरतों को शामिल करते हुए स्थानीय स्तर पर घोशणा पत्र जारी किया है। इन सभी कार्यों को चुनाव जीतने के बाद पूरा करने का दावा किया जा रहा है। वहीं भाजपा प्रदेश स्तरीय मुद्दों के साथ चुनाव मैदान में कड़ी टक्कर दे रही है।

आज से थम गया प्रचार का शोर
चांपा नगरपालिका चुनाव में मतदान के लिए आज प्रचार का शोर थम गया। प्रत्याशी और कार्यकर्ता डोर टू डोर जाकर अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं। नामांकन के बाद बमुश्किल हफ्ते भर के समय में भाजपा, कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगाया है। भाजपा, कांग्रेस सहित निर्दलीय प्रत्याशी जनता को कितना प्रभावित कर पाए हैं, इसका फैसला तो 11 फरवरी के मतदान और 15 फरवरी के मतगणना में सामने आएगा।

काफी दिलचस्प हुआ मुकाबला
चांपा में खासकर अध्यक्ष पद का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस ने जहां दूसरी बार राजेश अग्रवाल पर दांव खेला है तो वहीं भाजपा ने भी दूसरी बार प्रदीप नामदेव पर भरोसा जताया है। ये दोनों नेता चांपा नगरपालिका में एक-एक सफल पंचवर्शीय राज कर चुके हैं। शहर की जनता दोनों के राज में संतुष्ट थी। इस बार दोनों पूर्व अध्यक्ष आमने-सामने हैं। दोनों सहज, सरल व मिलनसार हैं। ऐसी स्थिति में मुकाबला काफी दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। जनता में असमंजस की स्थिति है कि आखिर किसे चुने राजा क्यांकि दोनों बेहतर हैं। लेकिन चुनाव में किसी एक की जीत तो किसी एक की हार निश्चित है।

कड़ी टक्कर दे रही कांग्रेस
केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद चांपा में भाजपा को कांग्रेस कड़ी टक्कर दे रही है। भाजपा की शक्ति प्रदर्शन के बाद कांग्रेस ने भी बाइक रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया। हालांकि निर्दलीय प्रत्याशी भी शक्ति प्रदर्शन करने के मामले में पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी सैकड़ों की संख्या में रैली निकालकर अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराई है। हालांकि चुनाव में कौन पार्टी बाजी मारती है और नगरपालिका में किसकी सरकार बनेगी इसका फैसला आने वाले चंद दिनों में हो जाएगा।