गुमशुदा महिला दीपा का मिला शव, हाथ बंधे हालत में भूसे की बुर्जी में छिपाया गया था, परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का लगाया आरोप

आगरा के अछनेरा थाना क्षेत्र के गांव नानऊ में रविवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई। गांव निवासी 32 वर्षीय दीपा का शव उनके घर के पास ही बनी भूसे की बुर्जी (झोपड़ी) से बरामद हुआ। महिला 13 मई से लापता थी, और परिजनों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के कारण उनकी हत्या हुई।
दीपा के पति सूरजपाल बघेल वृंदावन में हलवाई की दुकान चलाते हैं और हफ्ते में एक-दो बार घर आते थे। दीपा तीन बच्चों के साथ गांव में ही रह रही थी। 13 मई को सुबह 11 बजे दीपा अचानक लापता हो गईं। परिजनों ने दिनभर तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। शाम को अछनेरा थाने में सूचना दी गई, लेकिन पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज नहीं की। अगले दिन गुमशुदगी दर्ज हुई, परिजनों के अनुसार पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और कह दिया कि “रिश्तेदारी में तलाश करो।”
रविवार सुबह गांव की कुछ महिलाओं ने पास की भूसे की बुर्जी से दुर्गंध महसूस की। जब ग्रामीणों ने वहां जाकर देखा तो दीपा का शव मिला। दोनों हाथ पीछे बंधे हुए थे। साफ था कि हत्या कर शव को छिपाया गया था। यह खबर फैलते ही गांव में सनसनी फैल गई। बच्चे सदमे में हैं और ग्रामीणों में आक्रोश है।
पुलिस ने मामले में गांव के राजन बघेल समेत अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं और खोजी कुत्ते की भी मदद ली गई। पुलिस के मुताबिक शव करीब 3–4 दिन पुराना है। एसीपी अछनेरा गौरव सिंह ने कहा कि “परिजनों से लगातार संपर्क में थे, जांच जारी है और जल्द ही आरोपी गिरफ्त में होंगे।”
हालांकि, परिजनों ने आरोप लगाया कि राजन बघेल नामक युवक पर पहले से संदेह था, लेकिन पुलिस ने उससे पूछताछ नहीं की और अब वह फरार हो गया है। यदि समय रहते कार्रवाई होती तो दीपा की जान बचाई जा सकती थी।
एक और महिला लापता, पुलिस अब तक खाली हाथ
इस बीच, बिचपुरी की यशोदा नामक महिला 19 अप्रैल से लापता है। वह आवास विकास कॉलोनी में काम करती थी और उसी दिन घर से निकलने के बाद वापस नहीं लौटी। पति मुकेश ने थाना जगदीशपुरा में गुमशुदगी दर्ज कराई है, लेकिन एक महीने बाद भी महिला का कोई सुराग नहीं मिला। मुकेश ने पुलिस की सुस्ती पर सवाल उठाते हुए अनहोनी की आशंका जताई है।