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आरएसएस के 100वें वर्ष पर चांपा में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस प्रवक्ता नहीं पहुंचे, राजनीतिक हलचल तेज

जांजगीर चांपा। रविवार की शाम सरस्वती शिशु मंदिर चांपा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100वें वर्ष का कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से इसलिए चर्चा में रहा क्योंकि इसमें बतौर मुख्य अतिथि जिला कांग्रेस प्रवक्ता को आमंत्रित किया गया था। हालांकि, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वे नहीं पहुंचे और आयोजन बिना मुख्य अतिथि के ही संपन्न करना पड़ा।

कार्यक्रम का कार्ड जब वितरित हुआ, तब यह बात सामने आई कि आरएसएस के मंच पर कांग्रेस प्रवक्ता को मुख्य अतिथि बनाया गया है, तो कांग्रेस संगठन में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि इस सूचना के बाद कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने इस पूरे प्रकरण पर संज्ञान लेना शुरू कर दिया। इसके बाद जिला कांग्रेस प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह निमंत्रण स्कूल के एक सामान्य कार्यक्रम के रूप में स्वीकार किया था। लेकिन जब निमंत्रण पत्र छपा और उसमें आरएसएस के 100वें वर्ष के कार्यक्रम का उल्लेख सामने आया, तब उन्हें वास्तविक जानकारी हुई। जिसके बाद उन्होंने स्वयं को इस कार्यक्रम से अलग कर लिया।

इधर, आरएसएस के लक्ष्मीनारायण सोनी ने कहा कि मुख्य अतिथि अचानक जरूरी कार्य आने के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने बताया कि आरएसएस समाज के सभी वर्गों को समान दृष्टि से देखता है, और यही सोच रखते हुए कांग्रेस प्रवक्ता को आमंत्रित किया गया था।

वहीं, जिला कांग्रेस अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह ने पुष्टि की कि प्रवक्ता ने लिखित में पत्र देकर खुद को कार्यक्रम से पृथक कर लिया है, जिसकी प्रति जिला संगठन को भी भेजी गई है।

इस घटना के बाद स्थानीय राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। आरएसएस के शताब्दी वर्ष समारोह में कांग्रेस नेता को आमंत्रित किए जाने को लेकर कई तरह की राजनीतिक व्याख्याएं की जा रही हैं। 

निमंत्रण कार्ड से हटाया मुख्य अतिथि का नाम

इतना सब घटनाक्रम होने के बाद वितरित किए गए निमंत्रण कार्ड से मुख्य अतिथि का नाम हटाया गया और सोशल मीडिया में कार्यक्रम की पुनः जानकारी प्रसारित कर सिर्फ मुख्य वक्ता का नाम अंकित किया गया।

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