बिहारी सिंह का कुछ माह पहले रिश्वत मांगने संबंधित ऑडियो हुआ था वायरल

0 कलेक्टर ने उसे मूल विभाग में भेजने संबंधित जारी किया था आदेश
0 रिलीव नहीं करने के कारण एसडीएम कार्यालय चांपा में लगी बदनामी की दाग
जांजगीर-चांपा। एन्टी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर की टीम ने
एसडीएम कार्यालय चांपा के भू-अर्जन शाखा में पदस्थ अमीन पटवारी बिहारी सिंह और ऑपरेटर राजकुमार देवांगन को एक किसान से 1,80,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आपकों बता दें कुछ माह पहले बिहारी सिंह का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें रिश्वत की मांग की गई थी। मामला प्रकाश में आने के बाद कलेक्टर ने बिहारी सिंह को उसके मूल विभाग में भेजने सम्बंधित आदेश जारी किया था, लेकिन जानकारी के मुताबिक उसे रिलीव नहीं किया गया। मसलन, एसडीएम कार्यालय चांपा को बिहारी सिंह ने अपनी करतूत से बदनाम कर दिया।
मामले की शिकायत 16 अक्टूबर को हुई थी। ग्राम रायपुरा (जिला सक्ती) निवासी किसान बुधराम धीवर ने एसीबी बिलासपुर में शिकायत दी थी कि उसकी और उसकी बहन की ग्राम कोसमंदा स्थित जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए अधिगृहित की गई थी। इसके बदले उन्हें ₹35,64,099 की मुआवजा राशि अगस्त 2025 में संयुक्त बैंक खाते में प्राप्त हुई थी।
मुआवजा जारी होने के बाद भू-अर्जन शाखा में पदस्थ अमीन पटवारी बिहारी सिंह तथा ऑपरेटर राजकुमार ने किसान से ₹1,80,000 की रिश्वत की मांग की।
किसान ने रिश्वत देने से इंकार करते हुए दोनों को पकड़वाने की ठान ली। सत्यापन के बाद एसीबी ने ट्रैप योजना तैयार की।
रिश्वत लेते ही पकड़ गए अधिकारी-कर्मचारी – आज 30 अक्टूबर को किसान को रिश्वत की तय रकम लेकर ऑफिस भेजा गया। जैसे ही आरोपी अमीन पटवारी ने रकम हाथ में ली, डीएसपी एसीबी अजितेश सिंह के नेतृत्व में छिपी टीम ने दबिश देकर दोनों आरोपियों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया।पूरी रकम मौके से बरामद कर ली गई। अचानक हुई कार्रवाई से कार्यालय परिसर में हड़कंप मच गया।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई – दोनों आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 12 के तहत अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार, कुछ माह पहले बिहारी सिंह का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें रिश्वत की मांग की गई थी। मामला प्रकाश में आने के बाद कलेक्टर ने बिहारी सिंह को उसके मूल विभाग में भेजने सम्बंधित आदेश जारी किया था, लेकिन जानकारी के मुताबिक उसे रिलीव नहीं किया गया। मसलन, एसडीएम कार्यालय चांपा को बिहारी सिंह ने अपनी करतूत से बदनाम कर दिया।