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तहसीलदार ने लच्छीबंध तालाब में दुकान निर्माण पर लगाया रोक, नोटिस जारी कर मांगा जवाब

0  तालाब की भूमि पर कब्जा करने वालों में मचा हड़कंप

जांजगीर चांपा। चांपा शहर के हृदय स्थल थाना के सामने स्थित लच्छीबंध तालाब पर लोगों की गिद्ध दृष्टि पड़ी हुई है। यही वजह है फिर से तालाब की भूमि को पाट कर उसमें व्यावसायिक दुकान बनाने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है। हालांकि मामला प्रकाश में आने के बाद तहसीलदार ने निर्माण पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया है।

चांपा शहर में जिस जगह तालाब स्थित है वह व्यावसायिक दृष्टि से संपन्न है, जिसके चलते लोगों की नजर टेढ़ी है। पहले ही प्रशासन की उदासीनता से तालाब को पाट कर सड़क किनारे दर्जनों व्यावसायिक दुकान बना ली गई है। तालाब का उपयोग निजी हित के लिए किए जाने से नाराज शहर के एक युवक रविन्द्र मासूलकर ने हाईकोर्ट बिलासपुर में तालाब को संरक्षित करने के उद्देश्य से जनहित याचिका लगाया है। यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है। इधर तालाब की भूमि को पाटकर फिर से व्यावसायिक दुकान बनाने का सिलसिला शुरू हो गया है। मामला प्रकाश में आने के बाद तहसीलदार प्रशांत पटेल ने पटवारी को भेज कर मौके पर निर्माण कार्य में रोक लगा दिया। वहीं तालाब पर दावा करने वालों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। तहसीलदार का कहना है तालाब का उपयोग जनहित में किया जाना चाहिए। तालाब का दुरुपयोग करने के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डेढ़ दशक पहले हुआ था प्रयास

लच्छीबंध तालाब को रातों-रात सैकड़ो हाइवा से मिट्टी फिलिंग कर वहां व्यावसायिक काम्प्लेक्स बनाने का प्रयास किया गया था। तब शहर वासियों के साथ गिरधारी यादव ने भी तालाब पाटने का विरोध किया था। उस समय मीडिया में यह मामला सुर्खियां बटोर रहा था। तब स्थानीय प्रशासन में तत्कालीन एसडीएम ने तालाब पाटने पर रोक लगाते हुए तालाब को जनहित में समर्पित किया था। साथ ही तालाब का गहरीकरण और सौंदर्यकरण नगर पालिका के माध्यम से कराया गया था, लेकिन कुछ लोगों की टेढ़ी नजर तालाब पर पड़ी हुई है।

नाली के पानी से तालाब प्रदूषित

नगर पालिका की लापरवाही से नाली का पानी तालाब में जाकर वहां गंदगी फैला रहा है। तालाब के आसपास निवास करने वाले लोगों ने समय-समय पर नगर पालिका से इसकी शिकायत भी की है लेकिन मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर पालिका ने कभी भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जिसके चलते तालाब का पानी प्रदूषित हो रहा है। शहर की बड़ी आबादी आज भी इस तालाब में निस्तार करती है। नहाने और कपड़ा धोने के लिए तालाब का कई दशक से उपयोग किया जा रहा है। लोगों का कहना है एक षड्यंत्र के तहत नाली के पानी से तालाब को प्रदूषित किया जा रहा है। ताकि लोग अपने से तालाब में निस्तार करना छोड़ दे और फिर  बेशकीमती तालाब की भूमि को बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमाया जाए। यही योजना को लेकर समय-समय पर तालाब को पाटने का प्रयास किया जाता रहा है।

जलकुंभी से पट गया तालाब

चांपा शहर की एक बड़ी आबादी द्वारा निस्तार किए जाने वाला लच्छीबंध तालाब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। नगर पालिका की उदासीन रवैया से तालाब पहले ही बेजाकब्जा की मार झेल रहा है तो वही नगर पालिका की लापरवाही से तालाब गंदगी का शिकार हो गया है। नाली के पानी से जहां तालाब का पानी प्रदूषित हो रहा है तो वहीं पूरा तालाब जलकुंभी से पट गया है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। नगर पालिका ने इस तालाब सहित अन्य जल स्रोतों को अपने हाल पर छोड़ दिया है।

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