छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

गांव की सड़क को भारी वाहन के लिए झोंकना पड़ा महंगा, ग्रामीणों को आवागमन में हो रही बड़ी परेशानी

जांजगीर-चांपा जिले में खोखसा फाटक से जोबी होकर बिरगहनी और चांपा जाने वाली सड़क… कभी ग्रामीणों की आसान यात्रा का रास्ता थी लेकिन आज वही सड़क… सड़क कम, गड्ढों का जंगल ज्यादा लग रही है! दोनों ग्राम पंचायतों ने मिलकर समझदारी दिखाते हुए… लोगों की सुविधा के लिए सीसी रोड बनवाई थी।

चांपा और जांजगीर जाने का सफर छोटा, आसान और सुरक्षित हो गया था। लेकिन ये सुविधा… अब ग्रामीणों के लिए बनी सबसे बड़ी मुसीबत बन गई है। रेलवे ने अपने हिस्से की जमीन को घेरना शुरू किया… और इसके साथ ही रेलवे के ठेकेदारों की भारी-भरकम गाड़ी ने इस सीसी रोड को रौंदकर रख दिया। जहाँ चलना था हल्के वाहन…

वहाँ झोंक दिए गए बड़े-बड़े हैवी व्हीकल, जिनका वजन इस सड़क की क्षमता से कई गुना ज्यादा था। परिणाम सीसी रोड अब सीसी रोड नहीं… गड्ढों की लाइन बन गया है।

 ग्रामीणों का कहना है कि “हमने सुविधा के लिए सड़क बनवाई थी… लेकिन अब हालत ऐसी है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है!” सबसे बड़ा सवाल—जब किसी की वजह से नुकसान होता है, तो कानून कहता है कि सुधार का जिम्मा उसी का होता है। लेकिन यहाँ…रेलवे के ठेकेदारों ने नुकसान किया, और अब सड़क पर पड़े गड्ढों को भरने वाला कोई नहीं दिख रहा है।

आज इस रोड को देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है—ये सड़क नहीं…गड्ढों का नक्शा है। ग्रामीणों की मांग बिल्कुल सीधी है—जिसने नुकसान किया है, उसे ही सड़क की मरम्मत करनी चाहिए। क्योंकि यह रास्ता उनकी रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है…न कि किसी ठेकेदार के हैवी व्हीकल का टेस्ट ट्रैक!

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