छत्तीसगढ़

भारतमाला भूमि मुआवजा घोटाला, राज्यव्यापी संगठित भ्रष्टाचार CBI जांच की मांग अनिश्चित कालीन धरना

धमतरी। भारतीय जनाधिकार पार्टी छत्तीसगढ़ प्रदेश महासचिव संगठन विन्धेश सिंह राठौर ने प्रेस को विज्ञप्ति जारी कर बताया कि छत्तीसगढ़ में भारत सरकार की भारतमाला परियोजना (रायपुर–विशाखापट्टनम कॉरिडोर / NH-130CD) के भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में संगठित फर्जीवाड़ा, दलाल–अधिकारी गठजोड़ धमतरी सहित कई जिलों में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार घोटाला किया गया है रायपुर, धमतरी, दुर्ग, महासमुंद, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, बस्तर जांजगीर चांपा सहित 11 जिलों में फैला है।

फिर भी EOW की जांच केवल रायपुर-अभनपुर तक सीमित रखी गई और प्रभावशाली आरोपियों को खुला संरक्षण मिला।
इसी चयनात्मक, पक्षपातपूर्ण और अपारदर्शी जांच के विरोध में
भारतीय जनाधिकार पार्टी (छत्तीसगढ़) द्वारा आज प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, CBI, मुख्य सचिव, गृह सचिव, राजस्व सचिव, DG-EOW और NHAI अधिकारियों को
CBI की न्यायिक निगरानी में जांच की औपचारिक मांग का विस्तृत ज्ञापन देते आए हैं।

इस घोटाला में धमतरी घोटाले का मुख्य केंद्र बनाया गया था जहां से कोविड–19 लॉकडाउन में स्थानीय राजनेता के बंगले से रजिस्ट्री और मुआवजा फाइलें संचालित SDM, तहसीलदार, पटवारी, रजिस्ट्रार और परिजनों के नाम पर करोड़ों का फर्जी भुगतान आज तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुआ जिनके गिरफ्तारी की मांग करते हैं।

वहीं रायपुर–अभनपुर क्षेत्र में – बैकडेट नामांतरण, कृत्रिम बंटवारा, फर्जी फर्मों द्वारा करोड़ों की हेराफेरी 150+ फर्जी लाभार्थियों में केवल 4 गिरफ्तारी बाकियों के आज दिनांक तक की गिरफ्तारी नहीं हुआ इसी तरह दुर्ग जिला में 1349 किसानों की भूमि का गलत मूल्यांकन सिंचित भूमि को “असिंचित” दिखाकर करोड़ों का नुकसान 250 से अधिक आपत्तियों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं महासमुंद जिला130 फर्जी बैंक खाते खोलकर मुआवजा राशि की मनी-लॉन्ड्रिंग कोई FIR नहीं, कोई गिरफ्तारी नहीं बस्तर–गरियाबंद–कांकेर आदिवासी किसानों की भूमि से फर्जी नामांतरण, दलालों द्वारा मुआवजा हड़पSC/ST Act का स्पष्ट उल्लंघन जांजगीर चांपा में भी फर्जी मुआवजा पाने वालों पर न जांच हुई न ही कार्यवाही हुआ इस पूरे फर्जीवाड़ा घोटाला में EOW की गंभीर लापरवाही और संदिग्ध भूमिका जैसे जांच को केवल रायपुर अभनपुर तक सीमित रखा गया है 150+ दोषियों में से सिर्फ 4 की गिरफ्तारी — यह चयनात्मक न्याय है धमतरी, दुर्ग, महासमुंद में अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं ,रायपुर संभाग कमिश्नर (महादेव कांवरे) की जांच रिपोर्ट जाने-अनजाने दबाकर रखी गई।

कई जगह शिकायतों के बावजूद कार्रवाई “शून्य”
यह दर्शाता है कि EOW की जांच निष्पक्ष नहीं, बल्कि प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश किया जा रहा है।
इस पूरे भारत माला परियोजना में CBI जांच क्यों आवश्यक है इसके कानूनी आधार बहु-जिला संगठित आर्थिक अपराध — Delhi Special Police Establishment Act के अनुसार CBI का क्षेत्राधिकार। EOW पर हितों के टकराव (Conflict of Interest) — कई अधिकारी स्वयं आरोपी हैं।
संविधान अनुच्छेद 14 और 21 — निष्पक्ष जांच का मौलिक अधिकार। CrPC धारा 156(3) — गंभीर अपराध में स्वतंत्र एजेंसी की जांच आवश्यक Prevention of Corruption Act 1988 — धारा 13(1)(d) — पद का दुरुपयोग कर अनुचित लाभ देना। इस तरह के मामला में Supreme Court के निर्णय
Vineet Narain vs Union of India (1998)CPDR Judgment (2010)
— राज्य एजेंसी निष्क्रिय/पक्षपातपूर्ण हो तो CBI जांच अनिवार्य।
हमारी प्रमुख माँग है कि भारतमाला परियोजना के समस्त जिलों की CBI + ED संयुक्त जांच, रायपुर, धमतरी, दुर्ग, महासमुंद व अन्य जिलों के SDM, तहसीलदार, पटवारी, रजिस्ट्रार, भूमाफिया व दलालों की गिरफ्तारी, कमिश्नर महादेव कांवरे की जांच रिपोर्ट तत्काल सार्वजनिक की जाए, 130 फर्जी बैंक खातों और फर्जी कंपनियों की मनी-लॉन्ड्रिंग जांच ED द्वारा की जाए, सभी दोषियों से फर्जी मुआवजा राशि की वसूली कर राज्य को नुकसान की भरपाई हो ,वास्तविक किसानों–आदिवासियों को RFCTLARR Act धारा 80 के तहत दोगुना मुआवजा व ब्याज दिया जाए।
इन मांगों को लेकर 5 दिसंबर 2025, प्रातः 11 बजे से
गांधी मैदान एसडीएम कार्यालय धमतरी के सामने शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल और धरना–प्रदर्शन पार्टी अध्यक्ष दीपक दुबे के उपस्थिति में किया जाएगा।

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