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सारागांव में अटल परिसर लोकार्पण बना चर्चा का विषय, आमंत्रण पत्र में बड़े नाम, कार्यक्रम में कोई नहीं आया  

जांजगीर-चांपा। नगर पंचायत सारागांव में अटल परिसर निर्माण एवं भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की मूर्ति स्थापना के लिए आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक लापरवाही और प्रोटोकॉल उल्लंघन की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। कार्यक्रम के लिए छपाए गए आमंत्रण कार्ड में जिन अतिथियों के नाम प्रमुखता से अंकित थे, वे सभी कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे। इससे न केवल आयोजन की गरिमा पर सवाल उठे, बल्कि स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक समन्वय की कमी भी उजागर हुई।

आमंत्रण कार्ड के अनुसार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय थे। वहीं अति विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का नाम दर्ज था। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री अरूण साव द्वारा किए जाने का उल्लेख था। इसके अतिरिक्त विशिष्ट अतिथियों की सूची में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास और सांसद कमलेश जांगड़े सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के नाम भी शामिल थे।

हालांकि, जब निर्धारित तिथि को कार्यक्रम प्रारंभ हुआ तो कार्ड में उल्लिखित कोई भी अतिथि मंच पर मौजूद नहीं था। कार्यक्रम का मंच और माहौल ग्रामीण स्तर पर होने वाले सामान्य आयोजनों जैसा दिखाई दिया। इसे देखकर उपस्थित लोगों में आश्चर्य और असंतोष दोनों देखने को मिला। स्थानीय नागरिकों के बीच इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं कि आखिर इतने बड़े शासकीय कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों की अनुपस्थिति कैसे हो गई।

कुछ लोगों का कहना है कि कार्यक्रम की सूचना समय पर संबंधित अतिथियों तक पहुंचाई ही नहीं गई, जिससे वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। वहीं, कुछ अन्य लोगों का मत है कि यदि आमंत्रण कार्ड छप चुका था और नाम सार्वजनिक कर दिए गए थे, तो यह आयोजक संस्था की जिम्मेदारी थी कि प्रोटोकॉल के अनुरूप औपचारिक सूचना और समन्वय सुनिश्चित किया जाता। शासकीय कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य होता है, और इसमें किसी भी प्रकार की चूक कार्यक्रम की विश्वसनीयता को प्रभावित करती है।

स्थानीय स्तर पर यह भी चर्चा रही कि अतिथियों की अनुपस्थिति के कारण कार्यक्रम की भव्यता और उद्देश्य दोनों प्रभावित हुए। अटल परिसर और भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की मूर्ति स्थापना जैसे महत्वपूर्ण आयोजन से जनता की अपेक्षाएं जुड़ी होती हैं। ऐसे में आयोजन की तैयारियों में कमी और समन्वय का अभाव प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।

फिलहाल, नगर पंचायत सारागांव के इस आयोजन को लेकर प्रशासनिक हलकों में भी चर्चाएं हैं। लोगों की मांग है कि भविष्य में ऐसे शासकीय कार्यक्रमों के आयोजन में प्रोटोकॉल और समन्वय का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि कार्यक्रम की गरिमा बनी रहे और आम जनता के बीच गलत संदेश न जाए।

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