जिले में दुर्घटना का आंकड़ा डराने वाला, हर दूसरे दिन दुर्घटना में जा रही जान, ट्रामा सेंटर के आभाव में ज्यादा मौतें

जांजगीर-चांपा जिले के पुलिस कप्तान विजय कुमार पांडेय ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर साल भर के अपराधों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने विभिन्न मामलों में पुलिस की सफलता और असफलता पर खुलकर बात की।
उन्होंने बताया पिछले साल की तरह इस बार भी हत्या की कुल 29 प्रकरण दर्ज किए गए, जिसमें से 24 मामलों का निराकरण कर लिया गया है। शेष अन्य मामलों में छानबीन चल रही है। इसी तरह हत्या के प्रयास के कुल 33 मामले दर्ज हुए, जो पिछले बार की अपेक्षा 6 अधिक है। इनमें से 9 मामले अनसुलझे है।
पिछले साल अपहरण के 186 मामले दर्ज हुए थे, जो बढ़कर इस बार 231 हो गए। इसमें 111 मामलों का निराकरण हुआ है, जबकि अन्य मामलों में छानबीन चल रही है। लूट के कुल 23 मामले दर्ज किए गए जो पिछले साल के मुकाबले 6 अधिक है। इनमें से 19 मामलों को सुलझा लिया गया है। चोरी और नकबजनी के मामलों में पिछले साल के मुकाबले काफी कम अपराध दर्ज हुए हैं।
इस बार बलात्कार के कुल 147 मामले दर्ज हुए हैं जो पिछले साल की अपेक्षा 30 मामले अधिक है। इनमें 111 मामलों का निराकरण कर लिया गया है जबकि शेष में जांच और कार्रवाई जारी है।
इस बार आबकारी एक्ट के कुल 1507 मामले दर्ज हुए हैं जो पिछले साल के मुकाबले 100 अधिक है। इस बार जिले में रफ्तार का कहर भी देखने को मिला। साल भर के आंकड़ों पर गौर करें तो कुल 511 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 239 लोगों की मौत हो गई तो वहीं 436 लोग घायल होकर अस्पताल पहुंचे।
एसपी ने बताया जिले में दुर्घटना का प्रमुख कारण शराब पीकर तेज गति से वाहन चलना है। इसके साथ नेशनल व स्टेट हाईवे के मुकाबले गांवों की सड़कों पर ज्यादा दुर्घटनाएं हुई है। दुर्घटना में मौत की प्रमुख वजह समय पर इलाज नहीं हो पाना भी है। यदि यहां ट्रामा सेंटर की स्थापना हो जाए तो मौतों का आंकड़ा बहुत हद तक काम किया जा सकता है। जिला पुलिस दुर्घटना पर नकेल कसने और लोगों में यातायात नियमों का पालन करने को लेकर जागरूकता अभियान चलाएगी, ताकि दुर्घटना का ग्राफ नीचे आ सके।