भारतीय हाथकरघा प्रोद्योगिकी संस्थान चांपा में कर्मचारियों के द्वारा शासन प्रशासन के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां

जांजगीर चांपा। अपने कार्यों को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहने वाला भारतीय हाथकरघा प्रोद्योगिकी संस्थान चांपा अभी प्रभारी प्राचार्य डी डी धकाते के स्थानांतरण होने से उनके कुशासन से मुक्त हुआ ही था और जिसका परिणाम नए प्रभारी प्राचार्य सौरभ सिंह ठाकुर के आने के बाद शिक्षा और विद्यार्थियों की परेशानियों को दूर करने और संस्थान के परिणाम को बेहतर बनाने के लिए उनके द्वारा उठाए जा रहे प्रयासों से फिर से पटरी पे आने लगा।
वहीं संस्थान के प्राचार्य, अधिकारी और व्याख्याता तो प्रतिदिन नियत 10 बजे संस्थान पहुंच रहे वहीं दूसरी और संस्थान के अधिकतर कर्मचारी नियत समय 10 बजे संस्थान आना और जल्दी चले जाना अपने मर्जी से विगत महीनों से तय करते आ रहे है जिसका खामियाजा संस्थान को भुगतना पड़ रहा है वही दूसरी और संस्थान के ही कुछ अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार संस्थान के कुछ कर्मचारी जो चांपा शहर से आते है अधिकारियों के द्वारा ऐसे कर्मचारियों को जल्दी संस्थान पहुंचने की हिदायत जब दी जाती है तो उल्टा हम लोकल चांपा शहर के हैं बोलकर अपनी रौब दिखाते है।

“कैसे लगाई जा सकती है लगाम”
संस्थान में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग से उनके संस्थान पहुंचने और जाने की अगर निष्पक्ष जांच की जाती है तो ऐसे कर्मचारियों के आने और जाने के समय को देखकर उनके ऊपर शासन प्रशासन के नियमो की अवहेलना करने पर उचित कार्यवाही करके नकेल कसी जा सकती है …वही जिले के कलेक्टर भी संस्थान में समय समय पर औचक निरीक्षण करते हैं तो ऐसे समय पे रोजाना उपस्थित नहीं होने वाले कर्मचारियों पर लगाम लगाई जा सकती है जिससे संस्थान सुचारू रूप से संचालित हो सके और अपने लक्ष्य को पा सके और संस्थान पे पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भविष्य बेहतर बनाया जा सके।