11 बच्चों पर दो शिक्षक! जोबी सरकारी स्कूल ने बनाई मिसाल | प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर सवाल

जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक की शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करने वाला मामला शासकीय प्राथमिक शाला जोबी से सामने आया है। यहाँ सिर्फ एक प्रधान पाठक व एक शिक्षक अपने दम पर 11 बच्चों को न सिर्फ पढ़ा रहे हैं बल्कि हर दिन नई-नई गतिविधियाँ, चार्ट वर्क, सीखने के खेल और क्रिएटिव टास्क के जरिए बच्चों में सीखने की रुचि जगा रहे हैं।
सरकारी स्कूल की जमीनी सच्चाई:
कम बच्चे, ज्यादा मेहनत—फिर भी गुणवत्ता बरकरार। स्कूल में दर्ज बच्चों की संख्या— कक्षा 1 : 2, कक्षा 2 : ज़ीरो, कक्षा 3 : 4, कक्षा 4 : 5, कक्षा 5 : ज़ीरो
कुल : 11, लेकिन इन 11 बच्चों ने स्कूल को जीवंत बना रखा है। “हमारे बच्चों को यहाँ अच्छे से पढ़ाई मिलती है… रोज नया एक्टिविटी होता है… शिक्षक समय पर आते हैं…” ग्रामीणों की यही प्रतिक्रिया बताती है कि स्कूल अध्यापन में कोई कमी नहीं है।
लेकिन बड़ा सवाल—सरकारी स्कूल अच्छा काम कर रहा है, फिर भी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में क्यों जा रहे हैं? ग्रामीणों का आरोप है कि जिले में प्राइवेट स्कूलों का अम्बार लगा हुआ है,जिनके पास अपनी बिल्डिंग नहीं,खेल का मैदान नहीं, बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था नहीं, और न ही बुनियादी सुविधाएँ। इसके बावजूद मान्यता पाइपलाइन की तरह बांटी जा रही है, जिससे सरकारी स्कूलों की जनसंख्या लगातार गिर रही है।
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर ग्रामीणों का सीधा सवाल “जब हमारे गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई अच्छी है…फिर क्यों बिना बिल्डिंग वाले प्राइवेट स्कूलों को लाइसेंस दे दिया जाता है? क्या केवल फीस वसूलने वालों का ही सिस्टम में बोलबाला है?”
शासन से सीधी मांग –बिना बिल्डिंग वाले प्राइवेट स्कूलों की जांच हो, मान्यता रद्द हो। ग्रामीणों का कहना है कि—बिना भवन वाले बिना खेल मैदान वाले बिना सुरक्षा मानकों वाले ऐसे सभी प्राइवेट स्कूलों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।क्योंकि ये स्कूल सिर्फ कागजों में मान्यता लेकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
नजरअंदाज़ किया तो बड़ा खतरा “आने वाले समय में सरकारी स्कूलों पर ताला लग जाएगा” अगर प्राइवेट स्कूलों की इस मनमानी पर रोक नहीं लगी,अगर बिना सुविधा वाले स्कूलों की मान्यताएँ यूँ ही जारी रहीं, तो वह दिन दूर नहीं—जब सरकारी स्कूलों के दरवाजे पर ताला लटका मिलेगा,और शिक्षा, पूरी तरह से निजी दुकानों के हवाले हो जाएगी।