छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में अब जमीनों के डायवर्सन के लिए SDM परमिशन की जरूरत नहीं, सरकार का बड़ा फैसला

छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीनों के डायवर्सन (भूमि उपयोग परिवर्तन) को लेकर एक अहम और दूरगामी फैसला लिया है। इस फैसले के तहत अब एसडीएम (अनुविभागीय अधिकारी राजस्व) से डायवर्सन की स्वीकृति देने का अधिकार वापस ले लिया गया है। सरकार के इस कदम को आम जनता के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से डायवर्सन प्रक्रिया को लेकर लोगों को परेशानियों और देरी का सामना करना पड़ रहा था।

क्या है डायवर्सन?

डायवर्सन का मतलब कृषि भूमि को गैर-कृषि उपयोग, जैसे मकान निर्माण, दुकान, उद्योग या अन्य व्यावसायिक कार्यों के लिए अनुमति देना होता है। अब तक यह अधिकार एसडीएम स्तर पर था, जहां आवेदन की प्रक्रिया अक्सर लंबी और जटिल हो जाती थी।

सरकार ने क्यों लिया फैसला?

सरकार के अनुसार, डायवर्सन मामलों में अनावश्यक देरी, शिकायतें और पारदर्शिता की कमी सामने आ रही थी। कई जगहों पर आम लोगों को महीनों तक कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने डायवर्सन की प्रक्रिया को और सरल, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने का निर्णय लिया है।

अब क्या बदलेगा?

  • एसडीएम के पास डायवर्सन की स्वीकृति का अधिकार नहीं रहेगा
  • डायवर्सन की प्रक्रिया को सरलीकृत और डिजिटल किए जाने की तैयारी
  • छोटे मामलों में लोगों को जल्द राहत मिलने की संभावना
  • भ्रष्टाचार और अनावश्यक हस्तक्षेप पर लगाम
  • आम नागरिकों, किसानों और छोटे भू-स्वामियों को फायदा

जनता को क्या होगा लाभ?

इस फैसले से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों, किसानों और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। अब जमीन के उपयोग परिवर्तन के लिए अनावश्यक देरी नहीं होगी और प्रक्रिया पहले से अधिक स्पष्ट होगी। इससे मकान निर्माण, छोटे व्यापार और विकास कार्यों को भी गति मिलेगी।

राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया

सरकार का कहना है कि यह फैसला सुशासन और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में एक बड़ा कदम है। वहीं, आम लोगों और जनप्रतिनिधियों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे जनहित में लिया गया साहसिक फैसला बताया है।

सुविधा और पारदर्शिता

छत्तीसगढ़ सरकार का यह निर्णय जमीन से जुड़े मामलों में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। एसडीएम से डायवर्सन का अधिकार हटाकर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब लोगों की सुविधा और पारदर्शिता सर्वोपरि होगी। आने वाले समय में यदि यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू होती है, तो यह आम जनता के लिए वास्तव में राहत भरी साबित होगी।

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