चांपा से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बना रखी है दूरी, कार्यकाल समाप्ति की ओर, फिर नहीं पड़ा यहां उनका कदम, चुनावी वर्ष में लोगों को सीएम से काफी उम्मीदें
जांजगीर-चांपा। प्रदेश में कांग्रेस सरकार का अब कार्यकाल समाप्त होने वाला है, लेकिन मुख्यमंत्री का कदम अब तक चांपा शहर में नहीं पड़ सका है। हमारे यहां के नेताओं की उदासीनता से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चांपा के आसपास आकर और वहां कई सौगाते देकर चले गए, लेकिन पता नहीं उन्होंने चांपा से आखिर क्यों दूरी बना रखी है? इसके पहले बीजेपी के शासनकाल में बल्कि कई बार मुख्यमंत्री ने चांपा शहर में शिकरत की थी। इसे लेकर शहर में कई तरह की चर्चाएं हो रही है।
चुनावी साल होने के कारण लोगों की अपेक्षाएं काफी है तो वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लोगों की उम्मीदों में खरा उतरने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अभी कल भी उनका बिर्रा आगमन हुआ था, जहां उन्होंने पूरे क्षेत्र को दिल खोलकर सौगातें दी। इसके पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिला मुख्यालय जांजगीर कई बार आ चुके हैं, लेकिन इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री अब तक चांपा शहर नहीं आ सके है। इसके पीछे की वजह यहां के नेताओं की उदासीनता और आपसी गुटबाजी को बताया जाता है। शहर में ज्यादातर कांग्रेसी विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के समर्थक हैं। शायद इसी के चलते मुख्यमंत्री को यहां लाने किसी ने तवज्जों ही नहीं दिया। यहां लोगों से ज्यादा खुद के ईगो को महत्व दिया जाता है। इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इंतजार में शहर के कई निर्माणाधीन कार्य बगैर उद्घाटन के ही शुरू हो गए हैं। करोड़ों की लागत से रामबांधा तालाब का सौंदर्यीकरण पूरा हो गया है तो वहीं करोड़ों की लागत से अंबेडकर भवन बगैर उद्घाटन के विभिन्न मांगलिक कार्यक्रम होने लगे हैं। जिला मुख्यालय जांजगीर में लंबे समय बाद ओवरब्रिज का उद्घाटन बकायदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों ऑनलाइन हुआ, जबकि चांपा के ब्रिज के लिए ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। चुनावी वर्ष में शहर के लोगों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का काफी बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि शुरू से यह शहर हमारे नेताओं और अफसरों की कमजोरी से उपेक्षा का शिकार रहा है। जांजगीर और चांपा मिलाकर जिला बनने के बाद भी इस शहर को अपने नाम के अनुरूप सम्मान नहीं मिल सका। शहर में कई ज्वलंत समस्याएं है, जिसे लेकर मुख्यमंत्री से लोगों को काफी उम्मीदें है।
उद्घाटन के समय पत्थर से नाम गायब
खोखसा ओवरब्रिज का उदघाटन एक कार्यक्रम आयोजित कर किया गया, जिसमें विशिष्ट अतिथि जांजगीर और चांपा नगरपालिका के अध्यक्ष को बनाया गया था। कार्यक्रम में चांपा नगरपालिका अध्यक्ष जय थवाईत ने भी शिरकत की थी। उनका नाम आमंत्रण पत्र में भी था, लेकिन ब्रिज उदघाटन के समय जब वहां पत्थर लगाया गया, तो उसमें से चांपा नपाध्यक्ष जय थवाईत का नाम गायब था। इसे लेकर कलेक्टर से भी चर्चा की गई। लेकिन पत्थर तो वहां लग गया और जो हमेशा से होते आया है, वहां फिर से हुआ। यहां चांपा शहर के प्रथम नागरिक की कहीं न कहीं उपेक्षा की गई, जो पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा।
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