क्राइमछत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

नशीली सिरप मामले में किसी कांग्रेस नेता के रिश्तेदार की भी संलिप्तता की चर्चा जोरों पर, इस बात पर कितनी सच्चाई?, जांच का विषय!

जांजगीर-चांपा। जिले में नशे के कारोबार ने अपना पैर पूरी तरह से जमा लिया है। पहले नशीली टेबलेट व सिरप महज मेडिकल से ही जब्त होते थे, लेकिन इसकी बढ़ती मांग के चलते अब ये सिरप किराना दुकान के साथ ही गली कूचों में बिकने लगी है। नशे के इस कारोबार में बेतहाशा आमदनी होने के कारण नशे के सौदागरों की संख्या भी बढ़ने लगी है। जिस तरह चांपा पुलिस ने नशीली सिरप का जखीरा बरामद किया है और इसे लेकर क्षेत्र में जिस तरह की चर्चाएं हैं, उससे साफ जाहिर है कि इस खेल का मास्टर माइंड तो कोई और है, जो पर्दे के पीछे है।

चांपा और सिवनी क्षेत्र में इस मामले को लेकर चर्चा का बाजार गरम है, लोग तरह तरह की बातें करने लगे हैं। इन्हीं चर्चाओं में कोई कांग्रेस नेता के रिश्तेदार की भी इस पूरे मामले में संलिप्तता बताई जा रही है। हालांकि इस बात पर सच्चाई कितनी है, यह जांच का विषय है। लेकिन मामले के आरोपी लक्ष्मी प्रसाद चौहान ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि तीन माह पहले चांपा के कोई अरसद खान ने उसके यहां 30 कार्टून नशीली सिरप रखवाया था। इस लिहाज, पुलिस को इस मामले के एक अन्य आरोपी अरसद खान की तलाश है। बताया जाता है कि पुलिस ने कल सिवनी गांव के किसी किराना दुकानदार से पूछताछ की थी। इस मामले की तार कई लोगों से जुड़े होने की चर्चा भी जोरों पर है। इतना तो जरूर है कि सिवनी पहले से ही इन नशीली दवा सहित नशे के कारोबार को लेकर सुर्खियों में रहा है। इधर, नशे की सामग्री आसानी से मुहैया होने के कारण बच्चों से लेकर किशोरों का भविष्य अधर में है। पढ़-लिखकर काबिल इंसान बनने की उम्र में ये किशोर नशे के आदी होकर भटक रहे हैं, जिस पर नकेल कसना जरूरी है। इस गंभीर मुद्दे पर सभी को विचार करना चाहिए।

अपराधों के बढ़ते ग्राफ में महत्वपूर्ण भूमिका
क्षेत्र में बढ़ते अपराध में कहीं न कहीं नशे की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। कई मामलों के पकड़े गए आरोपियों के नशे में होने और खासकर नशीली दवा या सिरप सेवन किए जाने की बात सामने आ चुकी है। इससे जाहिर है कि नशीली दवाओं का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। जानकारों का कहना है कि जिसको नशीली टैबलेट या सिरप की लत लग गई, फिर वह बगैर नशे किए रह नहीं सकता। नशे के लिए कुछ भी किया जा सकता है। नशा धीरे धीरे संबंधित के नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है, जिसकी वजह से नशे की अवस्था में सामने वाला बेसुध हो जाता है और ऐसी स्थिति में अपराध की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।