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हैदराबाद सीसीआरटी कार्यशाला व शैक्षणिक भ्रमण पूर्ण कर लौटे जिले के शिक्षकगण, देश भर के 13 राज्यों से 65 प्रशिक्षणार्थियों ने निभाया सहभागिता

जांजगीर-चांपा। सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र सीसीआरटी हैदराबाद में एनईपी 2020 के अनुरूप 20 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला सह शैक्षणिक भ्रमण का कार्यक्रम 3 से 22 जुलाई तक आयोजित किया गया। कार्यशाला में देश भर के 13 राज्यों से 65 प्रशिक्षणार्थियों ने सहभागिता निभाया, जिसमें डीईओ एचआर सोम, डाइट प्राचार्य बीपी.साहू, व्याख्याता सुशील कुमार राठौर के मार्गदर्शन में जांजगीर-चांपा जिले से कवि, लेखक, टेक्निकल एक्सपर्ट सहित विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहे व्याखाताओं व शिक्षकों ललित नारायण उपाध्याय, राजेश कुमार सूर्यवंशी, राजेश कुमार तंबोली, श्रीमती लता दास, जुगल किशोर शुक्ला, जैनेन्द्र कुमार तिवारी व उदय कुमार देवांगन सहित रायगढ़ जिले से 4 प्रतिभागी श्रीमती कात्यायनी डनसेना, श्रीमती धीरा चौहान, सुनील मिंज व संजय पैकरा ने हिस्सा लिया।

कार्यशाला में आजादी का अमृत महोत्सव के संदर्भ में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में क्षेत्रीय संस्कृति के योगदान पर आधारित विभिन्न राज्यों के भाषा व संस्कृति को सीखने पर जोर दिया गया। वही बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों के एक्सपर्ट डाक्टर्स व प्रोफेसर्स अलग-अलग विषयों पर प्रतिदिन व्याख्यान देने पहुंचे जिसमें इतिहास, भूगोल, आर्ट, कल्चर आदि पर विस्तृत जानकारी मिली। इसके अलावा विविध क्षेत्रों के कलाकारों ने पहुंचकर गीत संगीत भाषा की बारिकियों से अवगत कराते हुए कला का महत्व समझाया। कार्यशाला के दौरान प्रत्येक शनिवार को शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया जिसमें हैदराबाद के चारमीनार, गोलकुंडा का किला, जवाहर लाल नेहरू बायोलाजिकल पार्क, हुसैन सागर झील, साइंस सिटी, सालारजंग म्यूजियम, रामोजी फिल्म सिटी, कुतुबशाही मकबरा, बिरला टेंपल, लुंबिनी पार्क आदि दर्शनीय ऐतिहासिक स्थानों का भ्रमण महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। कार्यशाला के दौरान छत्तीसगढ़ की टीम ने विजुअल व डांस फार्म में छत्तीसगढ़ राज्य की खानपान, रहन सहन, वेशभूषा, कला संस्कृति, कला शिल्प, तीज त्यौहारों की सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रस्तुत किया गया जिसमें पारंपरिक वेशभूषा में तैयार शिक्षकों ने कर्मा, ददरिया, राउत नाचा, पंथी नाचा आदि में शिक्षकों की टीम ने नृत्य किया। जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत की जानकारी देश भर के शिक्षकों को हुई। वही प्रोजेक्ट वर्क में छत्तीसगढ़ के कोसा सिल्क साड़ी पर आधारित विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सौंपी गयी जिसकी सराहना की गयी। इस प्रोजेक्ट कार्य का प्रदर्शन उदय कुमार देवांगन द्वारा किया गया और 20 दिवसीय प्रशिक्षण का छत्तीसगढ़ की ओर से फीडबैक ललित नारायण उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत किया गया। वही पूरे 20 दिवसीय कार्यशाला का विस्तृत रिपोर्ट (प्रतिवेदन) टीम के सहयोग से नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी द्वारा तैयार किया गया है जिसे एक किताब का रूप देकर डाइट जांजगीर को सौंपी जायेगी।