मार्मिक सच्ची कहानीः कभी प्यार में पागल प्रेमिका निकली बेवफा, प्रेम विवाह के बाद पति और दो बच्चों को छोड़कर नाबालिग के साथ भागी महिला
0 चर्चित एसडीएम ज्योति मौर्य मामले की हुई पुनरावृत्ति, रोजी मजदूरी कर पत्नी को बनाया था आंगनबाड़ी सहायिका
जांजगीर चांपा। कभी प्यार में जीने मरने की कसमें खाने वाली महिला बेवफा निकली। जिस युवक से प्यार किया, उसी से प्रेम विवाह करने और दोनों के दो बच्चे होने के बाद महिला एक नाबालिग लड़के के प्यार में इतना पागल हो गई कि वह अपने प्रेमी पति और दोनों बच्चों को छोड़कर नाबालिग के साथ घर से भाग गई। यह वाक्या देश के चर्चित एसडीएम ज्योति मोर्य के मामले की पुनरावृत्ति करता है। उसने पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर और एसपी से की है।
प्रेमी युवक का नाम अरूण कुमार बंजारे है, जो नवागढ़ थाना क्षेत्र के केरा गांव का रहने वाला है। अरूण बंजारे ने बताया कि गांव की ही एक लड़की से उसकी आंखे लड़ी और दोनों की प्यार परवान चढ़ने लगा। आखिरकार दोनों ने वर्ष 2010 मे शादी कर ली। दोनों के एक बेटा और एक बेटी भी हुई। घर की माली हालत खराब थी। अरूण बंजारे मजदूरी कर किसी तरह परिवार की गाड़ी खींच रहा था। अनिता कक्षा नवमीं तक पढ़ी लिखी थी। इसलिए अरूण ने अपनी पत्नी को नौकरी के लिए प्रेरित किया और 2016 में उसे आंगनबाडी सहायिका के पद पर नियुक्ति दिलाने के लिए एढ़ी चोटी का जोर लगा दिया। अनिता आंगनबाड़ी सहायिका के रूप में काम करने लगी। तब धीरे धीरे घर की माली हालत सुधरने लगी। पत्नी की नौकरी के बदौलत वो इतने सक्षम हो गए कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने लगे। इसी बीच अनिता को किसी नाबालिग लड़के से प्यार हो गया। अनिता उसके प्यार में इतना पागल हो गई कि उसे अपने घर परिवार की भी चिंता नहीं रही। आखिरकार वह बीते 21 जुलाई को ड्यूटी जाने के नाम से निकली और फिर वापस लौटकर नहीं आई। उसकी पत्नी पड़ोस में रहने वाले नाबालिग लड़के के साथ वह रहने लगी। अरूण बंजारे ने अपनी पत्नी को वापस लाने का काफी प्रयास किया, लेकिन उसने अपने कलेजे के टूकड़े बच्चों को भी नकारकर घर वापस आने से इंकार कर दिया है। इस घटना ने देश के चर्चित एसडीएम ज्योति मौर्य के मामले को फिर से ताजा कर दिया। उसने कलेक्टर व एसपी से गुहार लगाते हुए कहा है कि जिस लड़के के साथ उसकी पत्नी गई है, वह नाबालिग है। इस मामले में अरूण बंजारे ने कार्रवाई की मांग की है।