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बाराद्वार में कला कौशल साहित्य मंच के तत्वावधान में हुआ कवि गोष्ठी का आयोजन, मित्रता दिवस के अवसर पर बही काव्य की धारा

जांजगीर-चांपा। कला कौशल साहित्य समिति के तत्वावधान मे बाराद्वार के कन्या हायर सेकण्डरी स्कूल में छत्तीसगढ़ी व हिन्दी कविता पढ़ने वाले कवियों ने कविता की रसधार से श्रोताओ को ओत-प्रोत कर दिया। कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि अम्बिकापुर से आए वरिष्ठ कवि मुकुन्द साहू उपस्थित रहे।

विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ नागरिक रमेश सिंघानिया, संजय शर्मा, कला कौशल साहित्य मंच के अध्यक्ष कौशल दास महंत, शाला प्राचार्य दाताराम पाटले उपस्थित रहे। कविता पाठ के दौर में खोखरा से आए युवा कवि अनुभव तिवारी ने नशा ना करने की सलाह देते हुए “मत कर नशा जहां में हर नशा खराब है“ रचना का पाठ कर तालियां बटोरी। अम्बिकापुर से आए वरिष्ठ कवि मुकुन्द साहू ने प्रेरणादायी दोहा “रूके ना गाडी समय की, देकर देखे हाथ! आगे बढना है अगर, चले समय के साथ।“ अरूणिमा के रचनाकार अरूण तिवारी ने हिन्दू हूं ना मुस्लिम हूं ना हूं सिक्ख ईसाई, भारत मां का बेटा हूं मै यही है एक सच्चाई कविता का पाठ कर लोगो का दिल जीत लिया। कला कौशल मंच के अध्यक्ष कौशल दास महंत ने परपीड़ा सृजन करे बने वो साहित्यकार का पाठ करके सबका मन मोह लिया। सक्ती की कवित्री सुचिता साहू ने नारी के जीवन पर अलंकृत काव्य का पाठ कर तालियां बटोरी। सक्ती के शायर अनीस अनवर ने अपनी नज्मों से तालियां बटोरी वरिष्ठ कवि रघुनाथ जायसवाल, गिरघारी चौहान के साथ छाल से आए कुमार कार्निक ने बेटियों पर अपनी कविता पढ़ सभी को भाव विभोर कर दिया। गीतकार नरेन्द्र वैष्णव, रामसाय श्रीवास, प्रहलाद चंद्रा, युवा कवि धीवर ने भी अपनी कविता का पाठ किया। कवि संगोष्ठी मे अम्बिकापुर से आए दोहा के रचयिता मुकुन्द साहू का सम्मान मोमेन्टो व प्रमाण पत्र के जरिए किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि अरूण तिवारी ने व आभार प्रदर्शन प्राचार्य डीआर पाटले ने किया।