कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उद्बोधन शुरू होते ही कार्यक्रम से जाने लगी लोगों की भीड़, खाली रही कुर्सियां
जांजगीर-चांपा। भरोसे का सम्मेलन कार्यक्रम से उस समय लोगों का भरोसा अचानक उठने लगा, जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का उद्बोधन जैसे ही शुरू हुआ। अचानक सैकड़ों की भीड़ कार्यक्रम स्थल से उठकर बाहर की ओर चलते बनी। कार्यक्रम स्थल की ज्यादातर कुर्सियां खाली नजर आने लगी। लोगों के इस तरह अचानक उठकर चले जाना कांग्रेस को नागवार गुजरा, लेकिन लोकतंत्र में तो जनता ही जनार्दन है। इसलिए उन्हें रोकने की हिमाकत किसी ने नहीं की।
जिला मुख्यालय जांजगीर के खोखरा में आज कांग्रेस ने भरोसे का सम्मेलन आयोजित कर चुनावी शंखनाद किया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव सहित कई मंत्री मौजूद रहे। कार्यक्रम अपने निर्धारित समय में प्रारंभ हो गया था। कार्यक्रम में एक लाख लोगों के पहुंचने का दावा किया गया था, लेकिन लोगों की उपस्थिति अपेक्षा से कम ही रही। कार्यक्रम स्थल की कई कुर्सियां भी खाली पड़ी रही।
कार्यक्रम के उत्साह को उस समय नजर लग गया, जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बड़े चाव से सुनने के बाद जैसे ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित किया गया और उन्होंने जैसे ही माइक संभाली। लोग उठकर अचानक कार्यक्रम स्थल से निकलने लगे। लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले सैकड़ों की भीड़ कार्यक्रम स्थल से उठकर मुख्य मार्ग की ओर आने लगी। लोगों का कहना था कि हम तो मुख्यमंत्री को सुनने आए थे, सुन लिए, अब जा रहे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो कांग्रेस का यह कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा, लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के माइक संभालते ही लोगों के इस तरह अचानक उठकर चले जाना जिला कांग्रेस को अच्छा नहीं लगा।