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जांजगीर चांपा जिला बनने के बाद अस्तित्व में आने लग गए चार साल, जांजगीर में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष चंदेल

जांजगीर चांपा। 25 जून 1998 को जांजगीर चांपा जिला बनने के बाद उसे अस्तित्व में आने चार साल लग गए। 2003 में जब रमन सिंह की सरकार आई, तब यहां का विकास आरंभ हुआ। उसी दौर में कलेक्ट्रेट, जिला पंचायत, जिला अस्पताल, पॉलीटेक्निक कॉलेज, 11वीं बटालियन, केन्द्रीय विद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र और कृषि महाविद्यालय के भवन बने। जांजगीर में शासकीय भूमि सर्वाधिक 1700 एकड़ है, जिसके चलते यहां शासकीय दफ्तरों को खोलने कोई परेशानी नहीं हुई।

ये बातें छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष व क्षेत्रीय विधायक नारायण चंदेल ने कही। वे जिला प्रेस क्लब के सत्कार कार्यक्रम प्रेस से मिलिए में बोल रहे थे। इसके पूर्व माता सरस्वती की पूजा अर्चना के बाद अतिथि का शॉल, श्रीफल और पुष्पगुच्छ से प्रेस क्लब के पदाधिकारी और पत्रकारों ने स्वागत किया। प्रशांत सिंह ने स्वागत एवं आरंभिक जानकारी दी। इसके बाद कार्यक्रम संचालक संस्कार द्विवेदी ने अतिथि उद्बोधन के लिए चंदेल को आमंत्रित किया। नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने अपने जीवन से जुड़ी वो जानकारी साझा की, जिसके संबंध में लोग अंजान है। रोष, करुणा, व्यंग्य और स्नेह से भरे अपने संबोधन चंदेल की पारिवारिक पृष्ठभूमि सामान्य कृषक परिवार और राजनीतिक रही। उनके स्व. जंगीराम चंदेल आरएसस से जुड़े थे, तो वहीं उनके बड़े भाई गौरीशंकर चंदेल ने नागपुर में आरएसएस का तृतीय वर्ष कोर्स किया है। इसका खामियाजा भी उनके पिता स्व. चंदेल को आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल जाकर भुगतना पड़ा था। हाईस्कूल में ही वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ चुके थे। इसके बाद वो पीछे मुड़कर नहीं देखे। पहली बार उन्होंने 1993 में टिकट मांगी, लेकिन नहीं मिली। 1998 में जब लखीराम अग्रवाल के पास गए तो उन्हें पामगढ़ और जांजगीर चांपा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला। तब उन्होंने जांजगीर चांपा से पहली बार चुनाव मैदान में किस्मत आजमाई। उनके सामने कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन थे। लेकिन चंदेल ने हिम्मत नहीं हारी। चुनाव लड़ने के लिए अपनी जमीन बेच दी। दोस्तों से भी मदद ली। पार्टी से महज 50 हजार रुपए मिले थे। फिर भी चुनाव पूरे दम खम के साथ चुनाव लड़े और मध्यप्रदेश शासन में पहली जीत दर्ज करते हुए भोपाल विधानसभा जा पहुंचे। तब से वो तीन बार यहां चुनाव जीत चुके हैं। इस दौरान पार्टी के अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष और अब नेता प्रतिपक्ष के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं।

जांजगीर चांपा जिला बनने के बाद अस्तित्व में आने लग गए चार साल, जांजगीर में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष चंदेल चौथा स्तंभ || Console Corptech
प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में मौजूद पत्रकार।

जांजगीर चांपा में फोरलेन का प्रयास
प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने बताया कि गिन्नी पेट्रोल पंप से घठोली चौक तक 14 किलोमीटर फोरलेन सड़क बनवाने की दिशा में प्रयास जारी हैं इसके लिए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितीन गड़कड़ी से मुलाकात भी हो चुकी है। गेमन पुल को भी चौड़ा करने की योजना है। हालांकि फोरलेन सड़क बनाने में कुछ तकनीकी समस्या है। सड़क किनारे के कुछ मकान धराशायी हो सकते हैं, लेकिन बगैर किसी का नुकसान किए इसे एक साथ तीन वाहनों की आवाजाही के लिए चौड़ी डिवाइडर और लाइटयुक्त सड़क बनाने की दिशा में काम जारी है।

प्रेस क्ल भवन के लिए 10 लाख की घोषणा
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने प्रेस से मिलिए कार्यक्रम के अंत में प्रेस क्लब भवन के लिए दस लाख रुपए अपनी निधि से देने की घोषणा की, जिसका सभी पत्रकारों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रेस क्लब भवन के लिए काफी दिनों से भवन की मांग की जा रही थी। जांजगीर में प्रेस क्लब भवन की आवश्यकता है, जिसे ध्यान में रखते हुए वो आगे भी मदद करते रहेंगे। बता दें कि जिला प्रेस क्लब के लिए भूमि आवंटित होने के बाद निर्माण के लिए भूमिपूजन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों होना है। पत्रकारों ने रायपुर जाकर मुख्यमंत्री को न्यौता भी दे दिया है। उनके जांजगीर आगमन पर भूमिपूजन का कार्य पूरा हो सकता है।