छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

खबर का असरः प्रथम अपील किए बगैर दे दी चाही गई जानकारी, उपलब्ध जानकारी देने के बजाय दी गई थी प्रथम अपील की नसीहत, पढ़िए क्या है पूरा मामला

जांजगीर-चांपा। चौथा स्तंभ की खबर का बड़ा असर हुआ है। हमनें जिले के सबसे बड़े दफ्तर कलेक्टोरेट में उड़ रही आरटीआई एक्ट की धज्जियां शीर्षक के जरिए सूचना के अधिकार अधिनियम की स्थिति को लेकर खबर प्रसारित की थी। हमनें खबर में बताया था कि जो जानकारी कलेक्टोरेट के जन सूचना अधिकारी के पास मौजूद है, उसी चाही गई जानकारी के लिए जनूसचना अधिकारी ने चांपा नगरपालिका को पत्र प्रेषित किया और वहां से जवाब मिलने के बाद अपील करने की नसीहत दे दी गई थी। लेकिन खबर प्रकाश में आने के बाद बगैर अपील किए जानकारी दे दी गई।

उल्लेखनीय है कि कलेक्टोरेट जांजगीर के जन सूचना अधिकारी के समक्ष बीते 1 जून 2023 को आरटीआई एक्ट जनसूचना अधिकारी के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें कार्यालय कलेक्टर (नजूल शाखा) जिला जांजगीर चांपा से जारी एक नो ड्यूस के लिए शासन के जिस पत्र का हवाला दिया गया है, उसी पत्र की प्रमाणित छायाप्रति चाही गई थी। लेकिन कलेक्टर के जानकार जन सूचना अधिकारी ने दफ्तर में उपलब्ध चाही गई जानकारी की प्रमाणित प्रति देने के बजाय चांपा नगरपालिका को पत्र लिखकर उक्त जानकारी प्रेषित करने को कह दिया। जबकि यह मामला चांपा नगरपालिका के बजाय कार्यालय कलेक्टर (नजूल शाखा) जिला जांजगीर चांपा से संबंधित है। इधर, नगरपालिका ने उक्त जानकारी उपलब्ध नहीं होने का हवाला दिया। ऐसे में उपलब्ध जानकारी देने के बजाय कलेक्टोरेट के जनसूचना अधिकारी ने आवेदक को प्रथम अपील करने की नसीहत दी थी। इधर, इस पूरे मामले को चौथा स्तंभ ने प्रमुखता से प्रसारित किया था। खबर प्रकाश में आने के बाद कलेक्टोरेट में हड़कंप मच गया और बगैर प्रथम अपील किए जन सूचना अधिकारी ने चाही गई जानकारी दे दी। इससे समझा जा सकता है कि जिले की प्रशासनिक व्यवस्था किस तरह चल रही है। यदि मामला मीडिया में नहीं आता तो आवेदक को जबरन अपील पर अपील करते बेवजह समय, श्रम और रुपए बर्बाद करते रहना पड़ता।