कोसमंदा की भोजली में काव्या ने जीता प्रथम पुरस्कार, भोजली उत्सव में उमड़ा जनसैलाब
![कोसमंदा की भोजली में काव्या ने जीता प्रथम पुरस्कार, भोजली उत्सव में उमड़ा जनसैलाब 1 कोसमंदा की भोजली में काव्या ने जीता प्रथम पुरस्कार, भोजली उत्सव में उमड़ा जनसैलाब चौथा स्तंभ || Console Corptech](https://chauthastambha.com/wp-content/uploads/2023/09/IMG-20230901-WA0048.jpg)
सुरेश यादव@जांजगीर चांपा। जय मां दुर्गे सेवा संस्थान कोसमंदा के तत्वावधान में ग्राम पंचायत कोसमंदा में गुरुवार को भोजली महोत्सव व प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें प्रथम पुरस्कार काव्या को 1001 रुपए, शील्ड व प्रशस्ति पत्र, दूसरा पुरस्कार प्रिशा को 701 रुपए, शील्ड व प्रशस्ति पत्र, तीसरा पुरस्कार शुकवार बाई 551 रुपए, प्रशस्ति पत्र, चौथा पुरस्कार फोटो बाई को 351 रुपए, शील्ड व प्रशस्ति पत्र, पांचवा पुरस्कार सावित्री बाई को 151 रुपए शील्ड, प्रशस्ति पत्र दिया गया। इसके अतिरिक्त अन्य 5 लोगों को 51 रुपए व मेडल से सम्मनित किया गया। इसके लिए 15 दिन पूर्व ही नाग पंचमी को गेहूं का वितरण किया गया था। जनपद सदस्य संजय रत्नाकर ने कहा मित्रता का अभूतपूर्व उत्सव ’भोजली’ पर्व के लिए जय मां दुर्गे सेवा संस्थान बधाई के पात्र और उन्होंने इसे प्राचीन सांस्कृतिक परम्पराओं को सहेजने की दिशा में सराहनीय कदम बताया।
![कोसमंदा की भोजली में काव्या ने जीता प्रथम पुरस्कार, भोजली उत्सव में उमड़ा जनसैलाब 2 कोसमंदा की भोजली में काव्या ने जीता प्रथम पुरस्कार, भोजली उत्सव में उमड़ा जनसैलाब चौथा स्तंभ || Console Corptech](https://chauthastambha.com/wp-content/uploads/2023/09/IMG-20230901-WA0049-300x169.jpg)
पहले भोजली के लिए मशहूर था कोसमंदा
पहले भोजली के लिए कोसमंदा गांव काफी मशहूर था। क्षेत्र भर में भोजली पर्व का कोसमंदा में विशेष योगदान था। आसपास गांव के लोग देखने को आते थे। पूरे गांव भर की भोजली दफ़रा के साथ मे गांव भ्रमण करते हुए समलेश्वरी मंदिर के पास इकठ्ठा होती थी, जहां पूजा अर्चना के पश्चात विसर्जन होता था। उसके बाद लोग एक दूसरे को भोजली देकर आशीर्वाद लेते थे। इस अवसर पर पूर्व सरपंच कमोद खरे, पूर्व सरपंच रामजी कौशिक, पंच दिनेश राठौर, पंच हेमन्त राठौर, परमेश्वर कौशिक, महावीर बरेठ, महेंद्र कश्यप, मोरध्वज वैष्णव, कृष्णा वैष्णव, संजोग बरेठ, हरीश राठौर, सुरेश यादव, कपिल राठौर, भरत कौशिक, गंगा श्रीवास, अमरनाथ कश्यप, केशव कश्यप, श्याम केवट, भागवत राठौर, महादेव साहू, वीरेंद्र कौशिक सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।