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लापरवाहीः आज भी लालटेन युग में जीने को मजबूर है लोग, जांजगीर से महज 2 किमी दूर जोबी गांव के माथे से दूर नहीं हो रही बदहाली

जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय जांजगीर से महज 2 किमी दूर बसे जोबी गांव की किस्मत से बदहाली दूर होने का नाम ही नहीं लेती। इस गांव को अब तक राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं मिल सका है, तो वहीं ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। बरसों बाद जोबी बस्ती तक पहुंच मार्ग बन सका है। खास बात यह है कि यहां के लोग लालटेन युग में जीने मजबूर है। भले ही हम चांद पर पहुंच गए हो, लेकिन यहां विकास की किरण नहीं पहुंच पा रही है। लोग बिजली, पानी जैसी मूलभूत समस्या से जूझ रहे हैं।

बता दें कि जिला मुख्यालय बनने के बाद से जोबी में बिजली की समस्या कभी नहीं रही, लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र हरदी (हरि) सब स्टेशन से यहां की सप्लाई जोड़ दी गई है। गांव में बिजली की सप्लाई लगभग 30 किलोमीटर दूर से होती है, जिसके चलते आए दिन गांव में अंधेरा छाया रहता है। जोबी गांव में महज चार से पांच घरों में ही जांजगीर शहर से बिजली की सप्लाई हो रही है, जबकि पूरा गांव आए दिन 36 से 48 घंटे तक बिजली गुल रहती है। भीषण गर्मी को किसी तरह ग्रामीण काटकर निकाल लिए, लेकिन बारिश में बिजली गुल होने से बड़ी परेशानी हो रही है। गांव में सांप बिच्छू का भी खतरा बना रहता है। इन समस्याओं को दूर करने वाला कोई नहीं है। अभी चुनाव के समय नेता बड़े बड़े भाषण दे रहे हैं तो वहीं प्रशासन भी चाक चौबंद नजर आ रहा है। लेकिन इस तरह की समस्याओं को दूर करने कोई आगे नहीं आता। ग्रामीणों का कहना है कि भांठापारा जोबी में एक नामी बिजली ठेकेदार द्वारा लोहे का खंभा निर्माण करने की फैक्ट्री लगाया है, जिसमें बिजली आपूर्ति की आवश्यकता अधिक होने के कारण वह ग्रामीणों के घरों की बिजली 30 किलोमीटर दूर से सप्लाई होने वाले कनेक्शन से जबरन जोड़वा दिया। एक निजी कंपनी की दंश वहां बसे सैकड़ों ग्रामीण झेल रहे हैं, जिससे जल्द निजात ना मिली तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन करने तैयारी हो रही है। ग्रामीणों ने उस कंपनी मालिक को भी इस बात के लिए कहा था, लेकिन उसके कान में जूं तक नहीं रेंगी।