छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

भारी विरोध के साथ देवरहा में चूना पत्थर खदान खोलने के लिए पूरी हुई जनसुनवाई, पहले ही क्षेत्र में खदानों की भरमार से ग्रामीणों में आक्रोश

जांजगीर-चांपा। देवरहा गांव में 4.995 हेक्टेयर भूमि में चूना पत्थर उत्खनन के लिए आज नवीन शासकीय प्राथमिक स्कूल परिसर देवरहा में ग्रामीणों के भारी विरोध के लोक सुनवाई की खानापूर्ति कर ली गई। जनसुनवाई में पर्यावरण विभाग के अफसर व स्थानीय अधिकारी भी मौजूद थे। गांव में चूना पत्थर उत्खनन के लिए खदान खुलने का ज्यादातर लोगों ने पुरजोर विरोध किया।

बता दें कि चांपा क्षेत्र के पास बिरगहनी में क्रशर खदानों की भरमार है, जो धीरे-धीरे देवरहा व पीथमपुर तक पहुंच रहा है। पहले ही बिरगहनी व देवाटन के लोग क्रशर खदानों की भरमार और वहां होने वाले धमाकों से नारकीय जीवन जीने मजबूर हैं। दिन रात वाहनों में गौण खनिज के परिवहन व उत्खनन से लोग हलाकान है। यहां के कई क्रशर खदान जरूरत से ज्यादा गड्ढा खोदकर बंद हो गए है, फिर भी इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। अभी जांजगीर तहसील क्षेत्र के देवरहा गांव में 4.995 हेक्टेयर भूमि में चूना पत्थर उत्खनन किया जाना प्रस्तावित है। यहां डेढ़ लाख टन प्रतिवर्ष उत्खनन के पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए आज नवीन शासकीय प्राथमिक स्कूल परिसर देवरहा में जनसुनवाई हुई, जिसमें देवरहा सहित आसपास के ग्रामीणों के भारी विरोध किया। लोगों का कहना था कि पहले ही क्षेत्र में क्रशर खदानों की भरमार है, जिसके धूल और धमाकों से लोग हलाकान है। फिर चूना पत्थर खदान खोलकर लोगों को प्रदूषण में झोकने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि पर्यावरण विभाग की ज्यादातर जनसुनवाई में ग्रामीणों का भारी विरोध होता है। इसके बावजूद संबंधित संस्थान को पर्यावरण विभाग की हरी झंडी मिल जाती है, जो आश्चर्य का विषय है।

भारी विरोध के साथ देवरहा में चूना पत्थर खदान खोलने के लिए पूरी हुई जनसुनवाई, पहले ही क्षेत्र में खदानों की भरमार से ग्रामीणों में आक्रोश चौथा स्तंभ || Console Corptech
जनसुनवाई में मौजूद पर्यावरण विभाग के अधिकारी।