छत्तीसगढ़राजनीति

कांग्रेस के निशाने पर भाजपा के नौ-गढ़, इन सीटों पर किला फतह करने दिग्‍गजों ने बनाई नई रणनीति

रायपुर। विधानसभा चुनाव में मिशन 75 में जुटी कांग्रेस की नजर भाजपा के नौ गढ़ पर है। राज्य गठन के बाद हुए चुनाव में दो विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव और रायपुर दक्षिण से भाजपा की लगातार जीत हो रही है। वहीं, सात सीट ऐसी है, जिसमें भाजपा को सिर्फ एक या दो बार हार का सामना करना पड़ा है। इन सीटों पर किला फतह करने के लिए कांग्रेस ने नई रणनीति बनाई है।

कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने इन सीटों पर नए सिरे से पैनल तैयार करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ किसी भी चुनाव में हारे उम्मीदवार को दोबारा टिकट नहीं दिया है। वर्तमान में भाजपा के 13 विधायक हैं, लेकिन नौ विधायक ही दो से तीन चुनाव जीते हैं। कांग्रेस की नजर राजनांदगांव, रायपुर दक्षिण, कुरुद, बिल्हा, मुंगेली, वैशाली नगर, मस्तुरी, बिंद्रनवागढ़, बेलतरा सीट पर है। इन नौ सीट में मस्तुरी ऐसी सीट है, जहां पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे स्थान पर खिसक गए थे। यहां दूसरे नंबर पर बसपा प्रत्याशी जयेंद्र पाटले थे। वहीं, कुरुद में दूसरे स्थान पर कांग्रेस के बागी नीलम चंद्राकर थे। नीलम से करीब 34 हजार वोट से कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मीकांत साहू थे। वैशाली नगर में कांग्रेस ने प्रयोग किया था और भिलाई से लगातार चुनाव लड़ रहे बदरुद्दीन को मैदान में उतारा, लेकिन वह भाजपा के किले को भेद नहीं पाए। कांग्रेस के रणनीतिकारों की मानें तो पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की मंशा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ ऐसे मजबूत उम्मीदवार उतारे जाएं, जो उनको क्षेत्र में बांधने में सफल रहे। स्थानीय स्तर पर मजबूत नेताओं को टिकट देने के लिए प्रदेश चुनाव समिति की तीन दौर की बैठक हो चुकी है। भाजपा के मजबूत नेता रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में है। सरगुजा और बस्तर का किला फतह करने के लिए पार्टी पुराने नेताओं पर ही दांव लगाने की तैयारी कर रही है। बस्तर और सरगुजा की तीन से पांच सीट पर ही उम्मीदवार बदले जाएंगे।