हिंदी भाषा परंपरा संस्कृति ज्ञान तथा एवं अभिव्यक्ति को समझने का एक माध्यम हैं: शांता गुप्ता, केशरवानी वैश्य महिला समिति ने मनाया हिंदी दिवस
जांजगीर चांपा। केसरवानी महिला समिति चांपा के सदस्यों ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हर्षोल्लास के साथ हिंदी दिवस मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर भारत माता की पूजा-आराधना करके किया गया।
इस अवसर पर समिति की अध्यक्ष श्रीमती शांता गुप्ता ने उपस्थित सदस्यों को हिंदी दिवस की बधाई दी और कहा कि हिंदी अनेक बोलियां से समन्वित भाषा हैं । हिंदी मात्र भाषा ही नहीं वरन संपूर्ण संस्कृत हैं । हिंदी भाषा परंपरा , संस्कृति, मान्यता एवं अभिव्यक्ति को समझने का एक माध्यम हैं । हिंदी आज सिर्फ राजभाषा ही नहीं वरन संपूर्ण भाषाओं में संपर्क भाषा भी हैं , जो समस्त भारतीयों को जोड़ रही हैं । विश्व का नवीनतम सर्वेक्षण बताता हैं कि हिंदी दुनिया में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषण में एक हैं । आज़ दिवस के मौके पर हमें अपनी मातृभाषा हिंदी का सदैव सम्मान कर करना चाहिए और हिंदी को अपने व्यवहार में लाकर हिंदी का महत्व बढ़ाना चाहिए । हिंदी दिवस पर श्रीमती रेखा, स्वाति , विभा जीवनी, मधुलिका , मीनू , सरला , क्षमा आदि सदस्यों ने भी हिंदी के महत्व पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का समापन अध्यक्ष श्रीमती शांता गुप्ता के स्वरचित कविता हिंदी की महिमा, के पाठ का स्व-स्वर वाचन कर किया । कार्यक्रम में अध्यक्ष श्रीमति रेखा गुप्ता ने कहा कि राजभाषा हिंदी ना तो कभी नष्ट होगी और ना ही इसका विकास रुकेगा । श्रीमति जीवनी ने सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में हिंदी भाषा में कार्य संपादन पर जोर दिया। वहीं स्वाति ने कहा कि मातृभाषा के बिना सभ्यता पनप नहीं सकती । प्रीति ने हिंदी दिवस पर कहा कि हिंदी हम सबकी विश्व भाषा बने। इसी तरह के विचार श्रीमति सरिता, वर्षा , पूर्णिमा, क्षमा, मीनू सुशीला , सरला , विभा, मधुलिका संगीता , तृप्ति , कुमारी बाई आदि सदस्यों ने हिंदी दिवस पर प्रकाश डाला और कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग दिया । छोटी-सी बालिका दिव्या केशरवानी ने ‘ हिंदी सीखो , हिंदी पढ़ो , हिंदी लाखो ‘ पर रचनाएं प्रस्तुत करके मन मोह लिया । अंत में आभार व्यक्त सचिव रेखा केशरवानी ने किया।