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POLITICAL NEWS: वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनहरण राठौर की विशाल समर्थन रैली के बहाने डॉ. महंत को चुनौती, सक्ती की सियासत में आया उबाल, पढ़िए पूरी खबर

जांजगीर चांपा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के कभी करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनहरण राठौर सक्ती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने आज सक्ती क्षेत्र में समर्थन रैली निकाली, जो एक प्रकार से उनका शक्ति प्रदर्शन था। इस रैली में जहां सैकड़ों की संख्या में युवाओं की टोली बाइक में आगे-आगे चल रही थी, तो वहीं पीछे खुद मनहरण राठौर अपने चार पहिया वाहनों के काफिले के साथ चल रहे थे। इस रैली से एक बात तो तय है कि श्री राठौर ने सक्ती से चुनाव लड़ने ठान लिया है, जो कहीं न कहीं डॉ. महंत के लिए चुनौती से कम नहीं है। बहरहाल, सक्ती सीट के मौजूदा विधायक व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत भी इसी सीट से फिर चुनाव लड़ने की खबर है।

बता दें कि जांजगीर पहुंचे छ.ग. कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा के समक्ष वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनहरण राठौर ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपनी दमदार दावेदारी पेश की थी। इसके कुछ दिन बाद जब कांग्रेस ने प्रदेश सचिव व प्रदेश महासचिव की सूची जारी की, तो उसमें मनहरण राठौर को भी प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। नई जवाबदारी मिलने के बाद माना जा रहा था कि कहीं न कहीं डॉ. महंत के सक्ती से चुनाव लड़ने को लेकर सहमति बन गई है, लेकिन बाद के कई घटनाक्रमों से तस्वीर साफ हो गई कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनहरण राठौर किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं है। अभी कुछ दिन पहले ही सक्ती विधानसभा क्षेत्र के दुरपा गांव में कन्नौजिया राठौर समाज की एक बैठक हुई थी, जिसमें किसी भी दल से राठौर समाज के चुनाव में उम्मीदवारी करने वाले को ही पूरा समर्थन देने की सहमति बनी थी। फिर आज श्री राठौर ने सक्ती विधानसभा क्षेत्र में विशाल समर्थन रैली निकालकर सबको चौका दिया है। चुनाव के ऐनपहले सक्ती की सियासत में इस तरह उबाल आना अच्छे संकेत नहीं है। राजनीति के जानकारों का मानना है सक्ती विधानसभा क्षेत्र में राठौर समाज का अच्छा खासा वोट बैंक है, जो चुनाव को प्रभावित करने के लिए काफी है। बताया जाता है पिछले चुनाव में डॉ. महंत ने राठौर समाज का समर्थन प्राप्त करने के बाद ही किस्मत आजमाया था, लेकिन इस बार यदि डॉ. महंत चुनाव से पहले राठौर समाज का समर्थन हासिल करने में नाकाम रहे तो परिणाम कुछ भी हो सकता है।

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सक्ती में डॉ. महंत की डगर कठिन
राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह ने भी छग कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा के समक्ष अपने बेटे धर्मेन्द्र सिंह के लिए टिकट की मांग की थी। वहीं धर्मेन्द्र सिंह भी तैयारी में जोर शोर से जुटा है। बता दें कि पूर्व मंत्री राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह मप्र शासन में पांच बार विधायक और पूर्व मंत्री रहे हैं। वहीं क्षेत्र के आदिवासियों में उनकी पकड़ काफी मजबूत है। बताया जाता है वर्ष 1998 के चुनाव में पूर्व मंत्री राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह और मनहरण राठौर को अपने पक्ष में करने के बाद ही अंतिम दौर में उन्होंने चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार दोनों ने दावेदारी पेश कर डॉ. महंत के खिलाफ खुलकर विरोध की है। इससे इस बार सक्ती से डॉ. महंत की डगर कठिन नजर आ रहा है।

भीतरघात होने की संभावना
राजनीति के जानकारों का यह भी मानना है कि यदि इन सबके बावजूद डॉ. महंत सक्ती से चुनाव लड़ते हैं तो भीतरघात होने की संभावना प्रबल है। क्योंकि एक तरफ जहां पूर्व मंत्री राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह अपने दत्तक पुत्र धर्मेन्द्र सिंह के लिए टिकट मांग रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मनहरण राठौर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में समय रहते दोनों को अपने पक्ष में किए बगैर डॉ. महंत का सक्ती से चुनाव जीत पाना बड़ी चुनौती है। हालांकि राजनीति में कब क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता। क्योंकि अभी कांग्रेस में जिस तरह के हालात है, उसे देखकर समझा सकता है कि पल पल खेल बदल रहा है। कहा जा रहा है समय रहते इन दोनों नेताओं की नाराजगी दूर कर ली जाएगी।