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स्टाफ नर्सों को टर्मिनेट किए जाने का खामियाजा भुगत रहे शिशु और बच्चे, बीडीएम सहित अस्पतालों में टीकाकरण का बुरा हाल

जांजगीर-चांपा। स्वास्थ्य कर्मचारियों को टर्मिनेट किए जाने के बाद इसका असर मरीजों के साथ ही शिशु और छोटे बच्चों पर भी देखने को मिल रहा है। शासकीय अस्पतालों का बुरा हाल है। इलाज कराने आए मरीजों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। वहीं कुछ अस्पतालों में जैसे तैसे काम चल भी रहा है तो रात में तालाबंदी की स्थिति बन रही है। चांपा के बीडीएम अस्पताल का भी यही हाल है।

बता दें कि इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते कोई नहीं दिख रहे हैं। क्योंकि चुनाव के मौसम में पक्ष-विपक्ष के साथ ही स्थानीय नेता भी चुनाव अभियान में व्यस्त है तो वहीं अस्पताल के अधिकारी कर्मचारी शासन के निर्देश से बंधे हुए हैं। इन सबका खामियाजा आम लोगों के साथ अब बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा है। इधर, हर मंगलवार और शुक्रवार बच्चों का टीकाकरण शासकीय अस्पतालों में किया जाता है, लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल के बाद प्रदेश के हजारों लोगों को शासन द्वारा टर्मिनेट किए जाने की खबर सामने आ रही है। ऐसी स्थिति में भले ही जिलों में कलेक्टर और सीएमएचओ मौखिक आदेश देकर व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन टर्मिनेट कर्मचारी आदेश बगैर काम नहीं कर रहे हैं। इस बीच टीकाकरण बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। चांपा की बात करें तो बीडीएम अस्पताल में हर मंगलवार और शुक्रवार बच्चों का टीकाकरण किया जाता है, लेकिन यहां भी महज एक ही नर्स काम कर रही है। उस पर अस्पताल की जिम्मेदारी है, जिसके चलते वो टीकाकरण नहीं कर पा रही है। यही हाल अन्य जगहों का भी है।

इस संबंध में सीएमएचओ स्वाती वंदना का कहना है कि अभी अस्पतालों में नर्स की समस्या बनी हुई है, फिर भी चांपा, जांजगीर में वैकल्पिक व्यवस्था कर टीकाकरण कराया जाएगा। अब देखना होगा कि कल मंगलवार को टीकाकरण करा पाने में स्वास्थ्य महकमा कहां तक सफल रहता है।