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प्रधान आरक्षक रेखराज धु्रव ने देहदान कर समाज में पेश किया मिसाल, मरणोपरांत भावी डॉक्टर उनके शरीर में कर सकेंगे प्रयोग

जांजगीर-चांपा। जिस तरह ज्ञान बांटने से बढ़ता है, उसी तरह खुशी बांटने से खुशी मिलती है। ये कार्य तो सभी जीते जी करते हैं, लेकिन जो मरने के बाद भी दूसरों के खुशी की चिंता करे तो उसे आप क्या कहेंगे। कुछ इसी तरह दूसरों की चिंता करते हुए पुलिस विभाग के एक जवान ने अपना देहदान कर समाज में एक मिशाल पेश किया है।

प्रधान आरक्षक रेखराज धु्रव ने देहदान कर समाज में पेश किया मिसाल, मरणोपरांत भावी डॉक्टर उनके शरीर में कर सकेंगे प्रयोग चौथा स्तंभ || Console Corptech

दूसरों को तकलीफ में देखकर किसी के सीने में भी दर्द का एहसास हो और वो खुद ब खुद जरूरतमंद की मदद के लिए आगे बढ़ तो सही मायने में यही इंसानियत है। कुछ इसी तरह इंसानियत की मिसाल पुलिस विभाग के प्रधान आरक्षक रेखराज धु्रव ने कायम की है। उन्होंने मरणोपरांत देहदान की घोषणा की है, ताकि उसके शरीर में प्रयोग कर भावी डॉक्टर जरूरतमंदों की जान बचा सके। इसी सोच के साथ प्रधान आरक्षक ने देहदान कर समाज में एक मिशाल पेश किया है। प्रधान आरक्षक का मानना है कि वैसे भी नश्वर शरीर मरणोपरांत पंचतत्व में विलीन हो जाता है। यदि मरने के बाद भी यह शरीर यदि किसी के काम आ जाए तो उससे बड़ा पुण्य का काम कोई दूसरा नहीं हो सकता। इसी सोच के साथ प्रधान आरक्षक ने अपना देहदान करते हुए समाज को संदेश दिया है।