रेप के आरोपी संविदा रीडर की अब सेवावृद्धि के लिए प्रभारी प्राचार्य ने लिखा पत्र, संविदा कर्मी पर प्राचार्य मेहरबान
जांजगीर-चांपा। प्रदेश के पहले भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान में लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले ही यहां जमानत पर रिहा संविदा रीडर से काम लिया जा रहा है तो वहीं अब उस रीडर की सेवावृद्धि करने की अनुशंसा प्रभारी प्राचार्य के जरिए भेजे जाने की जानकारी सामने आ रही है। बताया जाता है प्राचार्य द्वारा भेजे गए संविदा रीडर के सेवावृद्धि की अनुशंसा में सीआर का भी जिक्र नहीं है, जबकि जानकारों का कहना है कि सेवावृद्धि अनुशंसा में संविदा रीडर के 376 प्रकरण में 44 दिन जेल में रहने की भी जानकारी संलग्न की जानी थी। इस पूरे घटनाक्रम से प्रभारी प्राचार्य की भूमिका पूरी तरह संदेह के घेरे में है।
बता दें कि चांपा लछनपुर स्थित प्रदेश के पहले भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान में पुर्णेश रंगारी संविदा रीडर के पद पर पदस्थ है। हाल ही में एक युवती ने रंगारी पर रेप का आरोप लगाया था, जिस पर उरगा पुलिस ने पुर्णेश रंगारी के खिलाफ धारा 376 के तहत अपराध दर्ज कर उसे सलाखों के पीछे पहुंचाया था। इस बीच पुर्णेश रंगारी 44 दिन जेल में रहा। अभी रंगारी जमानत पर रिहा है। सूत्रों के मुताबिक, रंगारी पर रेप का मुकदमा चलने और उसके जेल में 44 दिन रहने की जानकारी से उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराया गया, जिसके चलते जमानत पर रिहा होने के बाद पुणेश रंगारी से प्रभारी प्राचार्य काम ले रहा है। बताया जाता है पुर्णेश रंगारी का संविदा कार्यकाल समाप्त होने वाला है, जिसे बढ़ाने के लिए प्रभारी प्राचार्य ने अपना अनुशंसा भेजा है। इस अनुशंसा में सीआर का उल्लेख ही नहीं है, जबकि अनुशंसा के साथ संविदा कर्मी पुर्णेश रंगारी के 376 के अपराध में 44 दिन जेल में रहने की जानकारी को भी संलग्न की जानी थी। इस घटनाक्रम से जाहिर है विभागीय तौरपर प्रभारी प्राचार्य संविदा कर्मी के जुर्म पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। इस पूरे मामले में कहीं न कहीं प्रभारी प्राचार्य का 376 के आरोपी संविदा कर्मी से दरियादिली कुछ ज्यादा ही नजर आ रही है।
सितंबर माह का जारी हो गया मेहनताना
सूत्रों की मानें तो आईआईएचटी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य की संविदा रीडर के प्रति मेहरबानी कुछ ज्यादा ही हो रही है। यही वजह कि अभी सितंबर का महीना खत्म भी नहीं हुआ है और उसकी भारी भरकम पारिश्रमिक राशि जारी कर दी गई है। उपर से सेवावृद्धि की अनुशंसा की गई है। जबकि पहले ही रीडर के खिलाफ 376 का अपराध दर्ज होकर 44 दिन जेल में रहने की जानकारी से उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराने की बात कही जा रही है। इससे संविदा रीडर और प्रभारी प्राचार्य के बीच आपसी मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा रहा है।
प्रभारी प्राचार्य के भरोसे चल रहा कामकाज
जांजगीर चांपा के लिए बड़ी उपलब्धि है कि लछनपुर चांपा में छत्तीसगढ़ का पहला भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान खुला है, लेकिन विडंबना है कि डेढ़ दशक बाद भी कॉलेज का कामकाज प्रभारी प्राचार्य के भरोसे चल रहा है। इस वजह से यहां रामराज स्थापित हो गया है। प्रभारी प्राचार्य महीने एक-दो बार ही आ पाते हैं, बाकी दिन यहां की सुध लेने वाला कोई नहीं रहता। यही वजह है कि कॉलेज का लगातार परीक्षा परिणाम निराशाजनक है और धीरे धीरे यहां छात्रों की संख्या नगण्य रह गई। यदि यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं कि इस कॉलेज में ताला लग जाएगा।
सेवावृद्धि के लिए भेजा गया पत्र
इस संबंध में हमनें कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य दोमू धकाते से भी बात की, तो उनका कहना है कि सेवावृद्धि के लिए पत्र लिखा गया है। वह रेप का आरोपी है तो उसमें कार्रवाई का अधिकार उच्चाधिकारियों के पास सुरक्षित है। जब तक संविदा रीडर के खिलाफ उपर से कार्रवाई करने कोई पत्र नहीं आएगा, तब तक उससे पहले की तरह काम लिया जाएगा।