
खरसिया। नगर की श्रद्धा के केंद्र गंज बाजार स्थित श्रीहनुमान मंदिर में अखंड श्रीराम नाम सप्ताह का आयोजन 4 अक्टूबर से प्रारंभ हुआ है, जो 11 अक्टूबर बुधवार तक अनवरत जारी रहेगा। इस हेतु श्रीहनुमान सेवा समिति के युवाओं ने भव्य तैयारियां की हैं।
श्रीराम नाम सप्ताह के आयोजन का यह 131वां वर्ष है। सदी बीत गई परंतु श्रीहनुमान मंदिर की यह परम्परा अनवरत प्रत्येक वर्ष निभाई जाती है। श्रीराम सप्ताह के दौरान 1 सप्ताह तक दिन और रात नगर तथा आसपास गांव के भक्तजनों द्वारा सीता-सीता राम-राम राधे-राधे श्याम-श्याम गाते हुए श्रीहनुमान जी की परिक्रमा निरंतर की जाती है। पंडित हरनारायण शर्मा द्वारा यह परम्परा प्रारंभ की गई थी। वहीं पंडित गोविंद शर्मा के बाद अब पंडित बिट्टू शर्मा द्वारा अब तक इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। वहीं दिनों दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली जाती है। श्रीहनुमान मंदिर की यह विशेषता है कि किसी भी प्रकार की समस्या या बीमारी से ग्रस्त कोई कोई व्यक्ति इस मंदिर में आता है और पंडित बिट्टूशर्मा से झाड़ा लगवाता है, तो उसकी सारी विपदाएं दूर हो जाती हैं और वह अतिशीघ्र भला-चंगा हो जाता है।
यह मौका नहीं आएगा रे बंदे
इस अवसर पर कैलाश सपोसवाल की याद बरबस ही आ जाती है, जो भजनों के दौरान झूमते नाचते और गाते थे। बिल्कुल उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए राजू सपोसवाल जब मंदिर में झूम कर गाते हैं कि यह मौका नहीं आएगा रे बंदे, यह मौका नहीं आएगा.. तो भक्तों का मन झंकृत हो जाता है और सभी भक्त झूम कर सीता-सीता राम-राम और राधे-राधे श्याम-श्याम की धुन गाने लगते हैं।