छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

कायदे कानून को ताक पर धड़ल्ले से वाहनों में कर रहे प्रेशर हॉर्न का उपयोग, आम लोगों की बढ़ी परेशानी, प्रशासन का रवैया सुस्त

जांजगीर चांपा। जिले में इन दिनों वाहनों में प्रेशर हार्न का उपयोग प्रतिबंधित होने के बावजूद शहर और गांव की सड़कों पर धड़ल्ले से बस, चार पहिया तथा दो पहिया वाहन चालक धड़ल्ले से कर रहे हैं। वाहनों के चीखते हार्न से होने वाले शोर ने इलाकों को पूरी तरह से अशांत कर दिया है और शोर से सभी परेशान है।

वाहन बेचते समय सामान्य हार्न लगा होता है। लेकिन खरीदी के बाद काफी लोग अपने वाहनों में तेज आवाज करने वाले प्रेशर हार्न लगवा रहे हैं। युवक बाइक में मौज मस्ती के चलते प्रेशर हार्न लगवा लेते हैं। जिससे आम नागरिकों को परेशानी होती है। बता दें कि शहर में कई ऐसे शासकीय कार्यालयों, चिकित्सालयों, न्यायालय व विद्यालयों के पास साइलेंस जोन है। जहां तेज ध्वनि वाले हार्न का प्रयोग नहीं किया जा सकता। लेकिन नियम को ताक पर रखकर वाहन चालक प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रेशर हार्न बजाकर शासन को चुनौती देते हैं। इसके लिए यातायात नियमों के तहत प्रावधान की भी अनदेखी की जा रही है। कुछ बिगड़ैल किस्म के युवक इन प्रतिबंधित क्षेत्रों के आसपास से प्रेशर हार्न बजाकर तेज गति में निकल जाते हैं। जिससे वहां से गुजरने वाले और स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होती है। क्योंकि ये अपने वाहन में लगे प्रेशर हार्न का इतना उपयोग करते हैं कि जब तक उनके वाहन गुजर नहीं जाते तब तक कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता।

ऐसे वाहनों पर नहीं हो रहा चालान
बसों में या दूसरे वाहनों में प्रेशर हार्न लगाने व बजाने पर जुर्माने का प्रावधान है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ट्रैफिक पुलिस द्वारा किसी भी बस या दूसरे वाहन का प्रेशर हार्न का चालान नहीं किया है।, आज कल बसों में बड़े-बड़े भोंपू वाले प्रेशर हॉर्न लगे रहते हैं, और उसके चालक भी बेखौफ होकर बजाते हुए बस चलाते हैं। बता दे कि शहर के बीच प्रेशर हार्न बजाने से सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। हमारा कान 30-50 डेसिबल तक सुनने की क्षमता रखता है। इससे अधिक क्षमता के हार्न सीधे-सीधे हमारे दिमाग व कान को प्रभावित कर रहे हैं। इस पर पूरी तरह नियंत्रण होना चाहिए। सड़क पर चल रहे पैदल चल रहे बच्चो, बुजुर्ग, साइकिल सवारों को प्रेशर हार्न की वजह से समस्या होती है।

अब तक नहीं किया गया जागरूक
ट्रैफिक अमले का पूरा ध्यान सिर्फ यातायात व्यवस्था पर फोकस है। इस वजह से ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने संबंधी कोई योजना अब तक नहीं बन सकी है। जबकि इस समस्या से लोग हलाकान होते जा रहे है। ऐसे में बढ;ती परेशानी को देखते हुए संबंधित विभाग व्यापक स्तर पर पहल करते हुए लोगों को जागरूक करे तो काफी हद तक समस्या से छुटकारा मिल सकता है।