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POLITICAL NEWS; जांजगीर चांपा सीट में हमेशा से प्रभावी रहा नदी के इस पार और उस पार का समीकरण, भाजपा का खुला पत्ता, कांग्रेस के लिए हो रहा इंतजार

जांजगीर-चांपा। विधानसभा चुनाव के लिए सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। खासकर चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों की धड़कनें तेज हो गई है। प्रदेश के सबसे हाईप्रोफाइल जांजगीर-चांपा विधानसभा सीट को लेकर हमेशा से हसदेव नदी के इस पार जांजगीर और उस पार चांपा का समीकररण प्रभावी रहा है। राजनीतिक दल भी इस समीकरण को भलीभांति समझते हैं। यही वजह है कि बीते ढाई दशक से नदी के इस पार और उस पार के प्रत्याशी ही आपस में टकराते रहे हैं। इस बार भी भाजपा से नदी के इस पार जांजगीर के नारायण चंदेल पर छठवीं बार दांव खेला है।

विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता प्रभावी होने के साथ ही चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। अभी तक के हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस बार भी जांजगीर-चांपा विधानसभा सीट में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही प्रमुख मुकाबला होगा। इतिहास के पन्नों को पलटने पर पता चलता है कि वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन ने भाजपा के नारायण चंदेल को करीब 10 हजार वोट से पछाड़ा था, जबकि वर्ष 2008 के चुनाव में नारायण चंदेल ने मोतीलाल देवांगन को 2 हजार वोटों से शिकस्त दी थी। इसी तरह 2018 के चुनाव में भाजपा के नारायण चंदेल ने कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन को 4188 वोटों से हराया था। इस तरह बीते ढाई दशक के चुनाव में तीन बार भाजपा ने तो दो बार कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई है। इस बार के चुनाव में भाजपा ने छठवीं बार जांजगीर के नारायण चंदेल को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जबकि कांग्रेस की सूची अब तक जारी नहीं हो सकी है। पिछले 25 सालों से भाजपा जहां नदी के इस पार जांजगीर के नारायण चंदेल को टिकट देती रही है तो वहीं कांग्रेस चांपा के मोतीलाल देवांगन पर दांव खेलती रही है। इस समीकरण पर क्या फिर से कांग्रेस भरोसा करेगी या फिर कांग्रेसविहीन जांजगीर चांपा जिले के लिए इस बार कांग्रेस की कुछ अलग रणनीति है, यह समय के गर्भ में छिपा है। जांजगीर चांपा सीट के लिए वैसे कांग्रेस से दावेदारों की संख्या अच्छी खासी है, जिसमें प्रमुख रूप से पूर्व विधायक मोतीलाल देवांगन, इंजी. रवि पाण्डेय, व्यास कश्यप, दिनेश शर्मा, महंत रामसुंदर दास सहित अन्य दावेदारों ने आवेदन प्रस्तुत करते हुए दावेदारी की है।

मुहूर्त देखकर जारी की जाएगी सूची
विधानसभा चुनाव की घोषणा होने और भाजपा की दो सूची जारी होने के बाद चुनाव का रंग तब और जमने लगेगा, जब कांग्रेस की सूची जारी होगी। दिल्ली में सीईसी की लगातार बैठकें हो रही है, तो वहीं आजकल में कांग्रेस की सूची जारी होने की खबरें भी आ रही है। लेकिन सूत्रों की मानें तो पितृपक्ष समाप्त होने के बाद मुहूर्त देखकर कांग्रेस नवरात्रि में प्रत्याशियों की सूची जारी करेगी। इधर, कई दावेदारों ने दिल्ली में डेरा जमा लिया है, जिनके सीधे टिकट लेकर यहां आने की खबरें आ रही है। बहरहाल, इस बार का चुनाव अभी से काफी दिलचस्प दिखने लगा है।