मालखरौदा| जनपद सीईओ मालखरौदा द्वारा ग्राम पंचायत सकर्रा के सचिव को एक तरफा प्रभार दे दिया गया है और सचिव का स्पेसिमेन भी कर दिया गया है, जिस सचिव कुमार मल्होत्रा का प्रभार दिया गया है, वह वर्तमान में तीन पंचायत पर पदस्थ है। कुमार मल्होत्रा ग्राम पंचायत जमगहन में वर्ष 2017 से लगभग 7 वर्षों से पदस्थ है। इसके अलावा ग्राम पंचायत चरौदी व सकर्रा में अतिरिक्त प्रभार मे पदस्थ है।
शिकायत के मामलें में भाजपा जिला मंत्री उमाशंकर साहू ने बताया की वर्तमान में ग्राम पंचायत सकर्रा की सरपंच श्रीमती पदमा बरेठ एवं उनके फर्जी मटेरियल सप्लायर गौरी शंकर साहू द्वारा दोनों ने मिलकर एक नहीं अनेक निर्माण कार्यों का भ्रष्टाचार के तहत लाखों रुपयें राशि गबन किया जा चुका है।
वही आरोप में बताया की दो तत्कालीन सचिवों के कार्यकाल के फर्जी बिल बनाकर बिना हस्ताक्षर हुए तत्कालीन सचिवों के राशि आहरण करने के उद्देश्य से नवपदस्थ सचिव के आगे पीछे चक्कर लगाया जा रहा है। अगर इनके झांसा में कुमार मल्होत्रा सचिव पूर्व कार्यकाल का राशि आहरण करता है तो शिकायत गंभीर होने की स्थिति में उनके नौकरी पर भी गाज गिरने की संभावना हो सकती है।
दोनों तत्कालीन सचिव ने की थी शिकायत
ग्राम पंचायत सकर्रा के दोनों तत्कालीन सचिव ने सरपंच द्वारा दबाव बनाकर नियम विरुद्ध कार्य कराने एवं राशि आहरण करने के संबंध में जनपद पंचायत मालखरौदा जिसकी लिखित शिकायत किया जा चुका है। जिसकी पावती संबंधितों के पास सुरक्षित है।
10 अलग अलग RTI सचिव के पास हुआ प्रस्तुत
भाजपा जिला मंत्री उमाशंकर साहू ने 16 दिसंबर 2023 को सचिव् कुमार मल्होत्रा को 10 अलग-अलग सूचना का अधिकार आवेदन एवं राशि आहरण पूर्व कार्यकाल का रोक लगाने के संबंध में आवेदन दिया है। आवेदक उमाशंकर ने बताया कि जिसका सभी पावती सुरक्षित है। आगे उन्होंने बताया कि अगर नियम विरुद्ध सरपंच सचिव का हस्ताक्षर प्रमाणित बिना बिल वाउचर के राशि आहरण किया जाता है तो सचिव को भविष्य में परेशानियो का सामना करना पड़ सकता है। जिसकी चेतावनी दी है।
तत्कालीन सचिव को लग चुका है जुर्माना
ग्राम पंचायत सकर्रा के शिकायत के मामले में बताते चलें कि सरपंच के दबाव में कार्य करने पर तत्कालीन सचिव को राज्य सूचना आयोग रायपुर द्वारा तीन प्रकरण में 75000 का जुर्माना हो गया है। जिसका खामियाजा भुगतते हुए सचिव् को हर माह अपने सैलरी से जुर्माना पटाना पड़ रहा है। वही इसके बावजूद 13 प्रकरणों पर राज्य सूचना आयोग रायपुर ने जिला सीईओ की अनुशासमनात्मक कार्रवाई किये जाने का आदेश भी हो चुका है जिसे तत्कालीन सचिव द्वारा बड़ी मुश्किल से बाल-बाल बचा है। बताते चलें कि उक्त 13 प्रकरण के संबंध में सत्ता पक्ष के कांग्रेस नेता के कहने पर राज्य सूचना आयोग रायपुर ने 11 माह सुनवाई को टाल दिया गया था। जिसे आवेदक उमाशंकर साहू द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट बिलासपुर में चैलेंज कर केवल चार माह में सचिव् के खिलाफ अनुशासरात्मक कार्रवाई किए जाने का आदेश पारित कराया गया। उक्त विषय से सभी संबंधित कापी आवेदक के पास सुरक्षित है।
सचिव को आयोग व हाईकोर्ट का करना पड़ सकता है सामना
अनिमियता को देखते हुए आवेदक उमाशंकर साहू ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वर्तमान सचिव कुमार मल्होत्रा द्वारा पैसे के लालच में सरपंच के दबाव में आकर नजर अंदाज कर नियम विरुद्ध बिना प्रमाणित एस्टीमेट बिल भवचर एवं मस्टर रोल का पूर्व कार्यकाल का राशि आहरण किया जाता है तो भविष्य में राज्य सूचना आयोग एवं हाई कोर्ट के लंबी चक्कर लगाने पड़ सकते हैं जिसकी चेतावनी दी है।