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नींद में वन विभाग, गुरुश्री मिनरल्स वन भूमि की सड़क को पाटकर अब डोलोमाइट परिवहन की तैयारी में, कटघरे में वन विभाग की कार्यशैली

0 वन भूमि पर अवैध रूप से बनाई सड़क को 17 दिन पहले वन विभाग ने सड़क खोदकर गुरुश्री मिनरलस के परिवहन को किया था बंद

सक्ती/जैजैपुर/बाराद्वार। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद जहां एक ओर भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करने की बात लगातार कही जा रही है। लेकिन अविभाजित सक्ती जिला के अधिकारी कर्मचारियों के कान शायद बंद है, या फिर बहरे हो गए है। उन्हें सरकार द्वारा भ्रष्टाचारियों के खिलाफ करवाई करने की बात सुनाई ही नही दे रही है। जिसके चलते शासन को लूटकर लाखों रुपए की मुनाफा कमाने वालों का हौसला बुलंद हो गया है।

विदित हो कि गुरुश्री मिनरल्स के संचालक द्वारा ग्राम पंचायत छितापड़रिया के वन भूमि पर लगे पेड़ों और झाड़ की कटाई करवाकर उसमें सड़क निर्माण करा दिया। इसके बाद धड़ल्ले से उसमें ओवरलोड डोलोमाइट का परिवहन करने लगा है। जिसकी शिकायत बाराद्वार के दीपक राय द्वारा डीएफओ कार्यालय सहित बिलासपुर वन मंडल में करने के बाद हरकत में आए वन विभाग के अधिकारियों ने बीते महीने 29 नवंबर को मौके पर जाकर जांच पड़ताल किए। जिसमे गुरुश्री मिनरल्स द्वारा वन विभाग के जमीन पर बिना किसी विभागीय अनुमति के बगैर सड़क का निर्माण कार्य करने के कारण सड़क के दोनों ओर जेसीबी मशीन से खुदाई कर सड़क को ब्लाक कर दिया था। जिससे उस सड़क में डोलोमाइट का परिवहन ना सके। इतना ही मौके पर गए वन विभाग के अधिकारियों ने गुरुश्री मिनरल्स के खिलाफ वन विभाग के अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई करने की बात कही थी। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई सड़क ब्लाक की कार्रवाई अभी 15 दिन भी नही बिता था और कल रात्रि उस सड़क को पाटकर उसमें फिर से डोलोमाइट परिवहन की तैयारी की जा रही है। जिले में वन विभाग के अधिकारी वन भूमि और उसमें लगे पेड़ों को बचाने कितने सजग है इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते है।

वन भूमि और पेड़ों को बचाने ध्यान नही दे रहे अधिकारी

आपको बता दे सबकुछ जानते हुए भी जिले के वन विभाग के अधिकारी चुप चाप बैठ कर अपनी जेब भर रहे है। इन अधिकारियों को वन भूमि पर हुई पेड़ों की कटाई और उसमें बना सड़क दिखाई ही नही दे रहा था। जबकि सरकार द्वारा प्रति वर्ष पेड़ों को बचाने के लिए लोगों को जागरूक के साथ ही लाखो करोड़ो रूपये खर्च कर पौधरोपण कराती है। जिससे प्राकृतिक का संतुलन बना रहे है और लोगो को स्वच्छ और ताजी हवा मिलता रहे है। लेकिन विभाग को शासन की इन उद्देश्य और निर्देशों का मानो कोई फर्क नही पड़ता है।

जिला प्रशासन को भी नही है सरोकार

पूरे मामले में जिला प्रशासन की भूमिका भी समझ से परे है शिकायत के बाद भी वन भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा कर सैकड़ों पेड़ों की कटाई करने वाले गुरुश्री मिनरल्स के ऊपर कार्रवाई नही होना जिला प्रशासन की भी लचर कार्यशैली को दर्शाता है। जबकि देखा जाए तो छितापड़रिया से कलेक्टर कार्यालय की दूरी महज 7 से आठ किलोमीटर है। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन का पूरे मामले में ध्यान नही देना समझ से परे है।

हमारी संयुक्त टीम द्वारा बीते महीने हमारे वन भूमि पर बने अवैध सड़क को जेसीबी से काटा गया है। अगर गुरुश्री मिनरल्स द्वारा सड़क को पाटा गया है तो ये गलत है उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे। उनको सड़क पाटने की अनुमति नही मिला है।

अखिलेश शर्मा, एसडीओ वन विभाग