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कोआपरेटिव बैंक चांपा के कर्मचारियों पर शीघ्र कार्रवाई का बिलासपुर कलेक्टर ने दिया आश्वासन, मृत व्यक्ति के नाम केसीसी लोन आहरण का मामला, जांच के बाद कार्रवाई की फाइल फांक रही धूल

जांजगीर-चांपा। मृत व्यक्ति के नाम केसीसी लोन निकालकर रकम आहरण करने के मामले में कोआपरेटिव बैंक चांपा के शाखा प्रबंधक और कर्मचारियों के खिलाफ जांच पूरी हो गई है, लेकिन कार्रवाई महीनों से लंबित है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर मर्यादित कार्यालय में मामले की फाइल धूल फांक रही है। इस मामले में पहले ही सेवा सहकारी समिति मर्यादित सिवनी चांपा के प्रभारी समिति प्रबंधक ललित देवांगन को बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई थी। शिकायतकर्ता आशीष राठौर ने आज बिलासपुर कलेक्टर से मुलाकात कर इस पूरे मामले में शीघ्र कार्रवाई की मांग की, जिस पर कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लेने का भरोसा दिलाया है। खास बात यह है कि डबल इंजन की सरकार में भी कार्रवाई नहीं होना चर्चा का विषय बन गया है।
गौरतलब है कि चांपा से लगे सिवनी निवासी मृत व्यक्ति सागर सिंह पिता धवन सिंह के नाम वर्ष 2022-23 में 1 लाख 35 हजार केसीसी लोन समिति प्रबंधक ललित देवांगन ने तैयार किया था। मामला प्रकाश में आने के बाद शिकायत की जांच कराई गई, जिसमें ललित देवांगन सहित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक चांपा के कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया। सहकारी संस्थाएं जांजगीर के उप पंजीयक ने ललित देवांगन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सेवा सहकारी समिति के प्राधिकृत अधिकारी व बलौदा के सहकारिता विस्तार अधिकारी को पत्र लिखा था। इस पर संज्ञान लेते हुए बलौदा के सहकारिता विस्तार अधिकारी जेके टंडन ने सेवा सहकारी समिति मर्या. सिवनी के प्रभारी समिति प्रभारी ललित देवांगन को नोटिस जारी कर सप्ताह भर के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन जवाब तो दूर ललित देवांगन सेवा सहकारी समिति सिवनी आना ही बंद कर दिया। इसे गंभीरता से लेते हुए प्रबंध मंडल कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई, जिसमें सेवा नियम 2018 के कंडिका 16-4 एवं 16-5 के तहत ललित देवांगन को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। वहीं उसकी जगह महावीर बरेठ को प्रभारी समिति प्रबंधक की जवाबदारी सौंपी गई है। इधर, इस पूरे मामले में जिला सहकारी बैंक चांपा के शाखा प्रबंधक सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकी है। डबल इंजन की सरकार में भी इस पूरे मामले में कार्रवाई नहीं होना हैरत की बात है।

बिलासपुर कलेक्टर ने दिलाया कार्रवाई का भरोसा
जांजगीर चांपा जिले के इस हाईप्रोफाइल मामले में कोआपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायतकर्ता आशीष राठौर ने भी मोर्चा खोल दिया है। आशीष राठौर ने बिलासपुर कलेक्टर अवनीश कुमार शरण से मुलाकात कर इस पूरे मामले की जानकारी ली। साथ ही जिला पंचायत सदस्य उमा राजेन्द्र राठौर ने इसी मामले में कार्रवाई के लिए एक और पत्र प्रस्तुत किया। इसे गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर कलेक्टर ने तत्काल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर मर्यादित के सीईओ को कार्रवाई के लिए मार्क किया। इससे भरोसा जताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई होगी।

दबती जा रही मामले की फाइल
मृत व्यक्ति के नाम केसीसी लोन जारी कर रकम आहरण करने के मामले में सहकारी संस्थाएं जांजगीर के उप पंजीयक द्वारा कराई गई जांच में बैंक के दो कैशियर सहित कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया था। वहीं बैंक के शाखा प्रबंधक की भूमिका को भी संदिग्ध बताते हुए उसके खिलाफ जांच की अनुशंसा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के सीईओ से की गई थी। इधर, बिलासपुर के तत्कालीन सीईओ ने मामले में जांच करने के लिए दो सदस्यीय सीनियर शाखा प्रबंधकों की टीम बनाई थी। टीम के अधिकारियों ने चांपा स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पहुंचकर शाखा प्रबंधक सहित कर्मचारियों का बयान दस्तावेजों के साथ दर्ज किया। जांच रिपोर्ट बिलासपुर के सीईओ को सौंपी गई थी, लेकिन इसके महीनों बाद भी शाखा प्रबंधक व बैंक कर्मचारियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकी है। इस बीच हमनें भी बिलासपुर के तत्कालीन सीईओ एसपी सिंह से मुलाकात कर इस संबंध में बात की थी, तो उन्होंने शीघ्र कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। लेकिन ऐनवक्त पर उनका तबादला हो गया। उनकी जगह नए सीईओ प्रभात मिश्रा ने पदभार लिया है, लेकिन अब तक उनके संज्ञान में यह मामला नहीं आया है। कुल मिलाकर इस मामले की फाइल दबती जा रही है।