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बलौदा थाने में पदस्थ आरक्षक अरविंद भास्कर पर 25 हजार लेने के बाद भी केस बनाने का गंभीर आरोप, बलौदा के पहरिया में लगे जुए की फड़ में हुई थी कार्रवाई

जांजगीर-चांपा। बलौदा थाने में पदस्थ आरक्षक अरविंद भास्कर पर केस नहीं बनाने के एवज में 25 हजार रुपए रिश्वत लेने का गंभीर आरोप एक ग्रामीण ने लगाते हुए पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक जांजगीर से करते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।

जांजगीर एसपी को दिए शिकायत आवेदन में बलौदा थाना क्षेत्र के ग्राम पहरिया निवासी लखनलाल माथुर उम्र 34 वर्श ने कहा है कि बीते 4 अक्टूबर को पहरिया गांव में बलौदा पुलिस की जुए में रेड कार्रवाई हुई थी। इस दौरान पहरिया निवासी लखनलाल माथुर उम्र 34 वर्श सहित पहरिया निवासी सहेसराम चौहान उम्र 34 वर्श, पहरिया निवासी भुनेश्वर बरेठ उम्र 24 वर्श, पहरिया निवासी सुनील पटेल उम्र 26 वर्श और ग्राम परसदा निवासी नीलेश केंवट उम्र 24 जुआ खेलते पकड़े गए थे। शिकायत के मुताबिक, पुलिस ने जुए की फड़ से 25 हजार रुपए जब्त की थी, जबकि मात्र 7 हजार 580 रुपए ही शो किया था। इस आशय की प्रेस विज्ञप्ति भी जारी हुई थी। शिकायत में कहा गया है कि रेड कार्रवाई के बाद उक्त सभी आरोपियों को पकड़कर बलौदा थाना ले जाया गया। शिकायत में आरोप लगाया है गया है कि बलौदा थाने में पदस्थ अरविंद भास्कर ने बगैर केस बनाए छोड़ने के एवज में उनसे 25 हजार रुपए की मांग की। आखिरकार सभी आरोपियों ने 5-5 हजार मिलाकर नगद 16 हजार और 9 हजार फोन पे के माध्यम से उसे दिया। इसके बावजूद जुआ प्रतिशेध अधिनियम के तहत उक्त आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। शिकायत में एसपी से मांग की गई है कि मामले में जांच कर दोशी आरक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इधर, इस पूरे मामले बलौदा थाने के आरक्षक अरविंद भास्कर के मोबाइल नंबर 9131974800 पर कॉल उनसे पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने रांग नंबर बताते हुए पलड़ा झाड़ लिया।

आखिर कौन है ये भास्कर!

इस पूरे मामले में अजीबो गरीब स्थिति सामने आ रही है। जिस अरविंद भास्कर को आरक्षक बताकर मामले की शिकायत की गई है, उसके संबंध में शिकायतकर्ता लखनलाल का कहना है कि पूरी कार्रवाई के दौरान अरविंद भास्कर मौके पर मौजूद था और उसी के फोन पे में 9 हजार रुपए दो बार करके भेजा गया है, जिसका स्क्रीन शार्ट भी मौजूद है। इधर, पता चल रहा है कि अरविंद भास्कर नाम का कोई आरक्षक बलौदा थाने में पदस्थ नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बाहरी व्यक्ति कार्रवाई के दौरान आखिर थाना में क्या कर रहा था और अपने उक्त नंबर से फोन पे के जरिए रकम क्यों लिया। पूरा मामला जांच के बाद स्पश्ट होगा।

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